JEE NEET Exam: परीक्षा टालने की मांग को लेकर 6 राज्यों ने SC में दायर की समीक्षा याचिका

JEE NEET Exam: परीक्षा टालने की मांग को लेकर 6 राज्यों ने SC में दायर की समीक्षा याचिका

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-28 08:32 GMT
JEE NEET Exam: परीक्षा टालने की मांग को लेकर 6 राज्यों ने SC में दायर की समीक्षा याचिका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में कोरोना संकट के बीच नीट (NEET- National Eligibility cum Entrance Test) और जेईई (JEE- Joint Entrance Examination) परीक्षा आयोजित करने के खिलाफ 6 राज्य सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। पश्चिम बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में विपक्ष के छह कैबिनेट मंत्रियों ने इस साल NEET और JEE आयोजित करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को इस साल नीट, जेईई परीक्षाएं कराने की अनुमति देने वाले उसके 17 अगस्त के आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया है।

गैर बीजेपी शासित राज्यों के मंत्रियों ने अपनी समीक्षा याचिका में SC को बताया कि NEET/JEE परीक्षाओं में बैठने के इच्छुक छात्रों की सुरक्षा और जीवन के अधिकार के लिए परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए। छह राज्य के मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि महामारी के बीच NEET/JEE को आयोजित करना है तो एग्जाम में शामिल होने वाले लाखों छात्रों के लिए ट्रांसपोर्ट और आवास समेत अन्य चीजों का प्रबंध करना होगा, जोकि फिलहाल संभव नहीं दिखता। समीक्षा याचिकाकर्ताओं में पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री मलोय घटक, झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री उमेश आर सामंत शामिल हैं।

दोनों एग्जाम पोस्टपोन करने की मांग
बता दें कि 1-6 सिंतबर के बीच आयोजित की जा रही JEE की परीक्षा में 8 लाख से ज्यादा छात्र शामिल होंगे। जबकि मेडिकल के लिए सबसे बड़ा एग्जाम NEET 13 सितंबर को आयोजित होगा जिसमें 15 लाख से ज्यादा छात्र शामिल होंगे। JEE परीक्षा देश के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिये आयोजित की जाती है जबकि NEET का आयोजन मेडिकल में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिये किया जाता है। देश में कोरोनावायरस की स्थिति को देखते हुए छात्र एग्जाम को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। छात्रों की इस मांग के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व प्रेसिडेंट राहुल गांधी, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई नेता पीएम मोदी को पत्र लिखकर एग्जाम को पोस्टपोन करने की मांग कर चुके हैं।

एग्जाम पोस्टपोन क्यों होना चाहिए?
भारत में कोरोना तेजी से फैल रहा है। हर रोज 60 हजार के करीब मामले सामने आ रहे हैं। दूसरा कारण बिहार, असम और अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों में बाढ़ के चलते हालत काफी खराब है। ऐसे में वहा रहने वाले छात्र एग्जाम देने कैसे जाएंगे? तीसरी बात ट्रैवलिंग है। भारत में फिलहाल रेगुलर पैसेंजर सर्विस सस्पेंड है। ट्रांसपोर्ट के इतने बुरे हाल में छात्र एग्जाम सेंटर तक कैसे जाएंगे? हालांकि इन सब के बावजूद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने कहा ता कि परीक्षाएं पहले घोषित तारीखों पर ही आयोजित की जाएंगी। NTA की तरफ से सुनिश्चित किया गया है कि 99% छात्रों को एग्जाम देने के लिए उनके पसंद की सेंटर सिटी मिले। JEE मेन एक कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) जबकि NEET (UG) पेन-पेपर बेस्ड टेस्ट है।

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