Movie Review: सिर्फ चूचा की एक्टिंग तक ही सीमित रह गई फुकरे रिटर्न्स

Movie Review: सिर्फ चूचा की एक्टिंग तक ही सीमित रह गई फुकरे रिटर्न्स

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-08 09:21 GMT
Movie Review: सिर्फ चूचा की एक्टिंग तक ही सीमित रह गई फुकरे रिटर्न्स

फिल्म ‘फुकरे’ का सीक्वल ‘फुकरे रिटर्न्स’ सिनेमा घरों में रिलीज हो चुका है। इस फिल्म के पहले भाग ने युवाओं में जमकर धूम मचाई थी। एक्सेल इंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी इस फिल्म को मृगदीप सिंह लांबा ने निर्देशित किया है। आइए फिल्म समीक्षा के जरिए जानते हैं कि फिल्म इस बार दर्शकों के दिलों में जगह बनाने में कितनी कामयाब हुई। 

फिल्म-फुकरे रिटर्न्स
निर्देशक-मृगदीप सिंह लांबा
कलाकार- पुलकित सम्राट, मनजोत सिंह, अली फजल, वरुण शर्मा, प्रिया आनंद, विशाखा सिंह, पंकज त्रिपाठी और रिचा चड्ढा।
संगीत- समीर उद्दीन, राम समपथ, प्रेम- हरदीप, सुमित बिलेरी
शैली-कॉमेडी ड्रामा
अवधि- 2.20 घंटा
स्टार- 3 स्टार

स्टोरी

फिल्म "फुकरे" के अंत से ‘फुकरे रिटर्न्स’ की शुरुआत होती है। पहली फिल्म में भोली पंजाबन जेल चली जाती है। इसके बाद चारों फुकरे चैन की सांस लेते हैं। इस बार भी हनी यानी (पुलकित सम्राट), चूचा (वरुण शर्मा), लाली (मनजोत सिंह) और जफर (अली फजल) कहानी में दिखाई देंगे। एक साल बाद चारों की लाइफ में फिर बदलाव आने लगते हैं। इस बार भी चूचा को सपने आते हैं और हनी उसे अपनी तिकड़म लगाकर लॉटरी के नंबर में बदल देता है। शहर के अलग-अलग लोगों का ये पैसा लेकर लॉटरी में लगाते हैं। वहीं भोली पंजाबन मंत्री से बात करके 1 साल बाद जेल से रिहा हो जाती है। इसके बाद भोली चारों फुकरों को सबक सिखाने की ठान लेती है और चारों को उठवा लेती है। सभ के साथ ही वह पंडित जी को भी किडनैप करा लेती है और फिर से ड्रग्स बेचने को कहती है। अब चारों फुकरे इस बार भोली के चुंगल से कैसे निकल पाते है। यही इस फिल्म में दिखाया गया है। फिल्म में पिछली बार से भी ज्यादा मजा आने वाला है। चूचा के सपने और इंट्रेस्टिंग हैं। तो अगर आप भी कॉमेडी का तगड़ा डोज लेना चाहते हैं तो आपको सिनेमाघरों की ओर रूख करना पड़ेगा। 

पटकथा और निर्देशन:

फिल्म का निर्देशन मृगदीप सिंह लांबा ने किया है। फिल्म की शुरुआत काफी दिलचस्प है, कॉमेडी सीन अच्छे फिल्माए गए हैं। कहानी सुनाने का ढंग अच्छा है, और फिल्म में सबसे ज्यादा हंसी पंकज त्रिपाठी की मौजूदगी में आती है। चुचा का किरदार पहले की तरह सबसे ज्यादा फनी है। फिल्म के डॉयलाग भी जबरदस्त हैं। मृगदीप सिंह लांबा के निर्देशन की तारीफ करनी पड़ेगी।

अभिनय और संगीत:

पुलकित सम्राट, अली फजल, मनजोत सिंह के साथ विशाखा सिंह, प्रिया आनंद और बाकी सभी कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया है। मंत्री के रूप में अभिनेता राजीव गुप्ता ने भी अच्छा काम किया है। हनी के अभिनय में एख बार फिर से सलमान खान की झलक सी लगती है। अली जफर और मनजोत सिंह का अभिनय कम दिखा है। भोली के दमदार अभिनय में रिचा चड्ढा कमाल कर रही हैं। इस बार फिल्म के गाने भी कुछ खास कमाल नहीं कर पाए। फिल्म में कुल 3 गाने हैं। जिसमें एक टाईटल सॉग है, बाकी कोई भी ऐसा गाना नही है जो ट्रेंडिंग में आए। फिल्म में म्यूजिक समीर उद्दीन, राम समपथ, प्रेम- हरदीप, सुमित बिलेरी ने दिया है।

कमज़ोर कड़ियां:

फिल्म की कहानी का वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है, फर्स्ट हॉफ काफी स्लो है, सेकंड हाफ में फिल्म थोड़ा सा पिकअप लेती है। क्लाइमेक्स उतना मजेदार नहीं था, जितना कि दिखाया जा सकता था। फिल्म में लव स्टोरी भी फीकी-फीकी सी है और जफर और लाली के किरदार को भी पूरी तरीके से कैश नहीं किया गया। 
  
क्यों देखें:

पहली फिल्म अगर आपने देखी है तो उसे बिल्कुल भूल जाइए क्योंकि पहले पार्ट को ध्यान में रख कर जाएंगे तो थोड़ा बोरियत महसूस हो सकती है। बाकी अगर आप फुकरे गैंग के फैन हैं तो आपके लिए इस वीकेंड सबसे मस्त फिल्म हैं। 
 

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