बाला साहब ठाकरे को याद कर संजय दत्त हुए भावुक, बोले-1993 बम धमाकों के बाद की मेरी मदद

बाला साहब ठाकरे को याद कर संजय दत्त हुए भावुक, बोले-1993 बम धमाकों के बाद की मेरी मदद

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-19 15:20 GMT
बाला साहब ठाकरे को याद कर संजय दत्त हुए भावुक, बोले-1993 बम धमाकों के बाद की मेरी मदद
हाईलाइट
  • 23 जनवरी को उनके 93वें जन्मदिन के अवसर पर एक शो 'मंच मुजरा' तैयार किया जा रहा है।
  • इसके लिए बड़े-बड़े एक्टर्स के इंटरव्यू भी लिए जा रहे हैं।
  • संजय दत्त ने भी बाला साहब को लेकर अपनी यादें शेयर की हैं।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे का नाम भारतीय राजनीति में शायद ही किसी से अंजान होगा। अपने निडर स्वभाव और किसी भी बात को बेबाक बोलने का अंदाज उन्हें दूसरे राजनेताओं से अलग बनाता है। 23 जनवरी को उनके 93वें जन्मदिन के अवसर पर एक शो "मंच मुजरा" तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए बड़े-बड़े एक्टर्स के इंटरव्यू भी लिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में संजय दत्त ने भी बाला साहब को लेकर अपनी यादें शेयर की है। संजय ने कहा कि बाला साहब मेरी बहुत फिक्र करते थे। मेरी मां नरगिस उन्हें भाई कहतीं थीं। जब मैं जेल में था तो बाला साहब मेरी तबियत के बारे में पूछने के लिए हर रोज मैसेज करते थे।

संजय दत्त ने कहा, "जब 1993 बम धमाकों के बाद मैं जेल गया था, तो बाला साहब का मुझे हर रोज मैसेज आता था कि संजया को बोल फिकर नहीं करने का, मैं हूं इधर। वह बहुत ही अच्छे इंसान थे। मुझे बहुत प्यार करते थे। उनके अंदर देशभक्ति कूट-कूट कर भरी थी। वह असली शेर थे और निडर थे। वह जिस इंसान को पसंद करते थे, मुंह पर बोलते थे। जब उन्हें गुस्सा आता था, तो उनसे बुरा इंसान कोई नहीं था। जब मैं जेल से बाहर निकला, तो मैं उनसे मिलने गया। उनके लिए मैं बेटे जैसा था। मेरे सर पर हाथ रख मुझ आशीर्वाद देते थे, तो कभी मुझे गले से लगा लेते थे।"

संजय दत्त ने कहा, "मेरी मां उन्हें भाई मानती थी। जब भी कोई परेशानी होती, तो हम भाई बहनों को उनसे मिलने कहती थीं। जब मां को कैंसर हुआ था और उन्हें इलाज के लिए जाना था, तो उन्होंने मुझे और मेरी दो बहनों को अपने पास बुलाया। उन्होंने कहा था कि कभी कोई जरूरत पड़े, तो मेरा एक भाई है बाला साहब ठाकरे, उनके पास चले जाना। 1993 में मेरे पिता कांग्रेस पार्टी में थे। हालांकि मेरे जेल जाने पर कोई भी उनकी मदद को तैयार नहीं था। इसके बाद वह बाला साहब के पास गए और उन्होंने पिताजी से काफी अच्छे से बर्ताव किया और उन्हें भरोसा दिलाया।" 

बता दें कि 2012 में बाला साहब का ठाकरे का 86 साल की उम्र में निधन हुआ था। वह काफी समय से बिमार चल रहे थे। डॉक्टरों का कहना था कि बाला साहब का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। ठाकरो को सांस लेने में तकलीफ होती थी। बाला साहब पर एक मूवी भी बन रही है। इस मूवी में नवाजुद्दी सिद्दकी बाला साहब का किरदार निभा रहे हैं। यह फिल्म 25 जनवरी को रिलीज होगी। 

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