फैक्ट चेक: सोशल मीडिया पर लोगों से भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) का पत्र भेजकर मांगा जा रहा है कई आरोपों का जवाब ? जानिए वायरल दावे का सच

  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा फर्जी पत्र
  • भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के पत्र में लगाए जा रहे आरोप
  • पीआईबी ने किया फैक्ट चेक

Surbhit Singh
Update: 2024-01-30 19:46 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंटरनेट के दौर में सोशल मीडिया पर यूजर्स तक स्कैमर्स फर्जी खबरें फैलाने का काम करते हैं। इन खबरों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर या तो पोस्ट या फिर वीडियो को एडिटिंग के जरिए प्रचार किया जाता है। अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश स्कैम या तो सरकारी नौकरी या योजनाओं का झांसा देकर किए जाते हैं। जिनका उद्देश्य ऑनलाइन फ्राड के जरिए ज्यादा से ज्याद पैसा कमाना होता है। इन दिनों कुछ ऐसी ही फर्जी घोषणा से जुड़ा एक पोस्ट वायरल हो रहा है। जिसमें बताया गया है कि सोशल मीडिया पर कथित तौर पर भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के नाम पर यूजर्स तक एक पत्र के माध्यम भेजा जा रहा है। जिसमें यूजर्स से कई आरोपों का जवाब देने की बात कही जा रही है।

पीआईबी ने किया फैक्ट चेक

भारत सरकार की एजेंसी पाआईबी ने वायरल पत्र की सच्चाई जानने के लिए फैक्ट चेक किया। जिसमें पीआईबी ने पत्र में लोगों पर लगाए सभी आरोपों को फर्जी पाया। इस बात की सूचना पीआईबी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक ट्विट के जरिए शेयर की। पीआईबी ने ट्विट करते हुए लिखा, " कथित रूप से भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा जारी किए गए एक पत्र के माध्यम से प्राप्तकर्ता पर कई आरोप लगाए जा रहे हैं और पत्र का जवाब देने की भी मांग की जा रही है।" पीआईबी ने अपने ट्विट में आगे बताय कि यह पोस्ट फर्जी है। भारत सरकार की ओर से ऐसा कोई भी संस्था नहीं है जो इस पत्र को लोगों तक भेज रही हैं।

आप भी करायें फैक्ट चेक

अगर आपके पास भी इस तरह के कोई मैसेज आते हैं तो आप उसकी सच्चाई जानने के लिए लिए फैक्ट चेक पीआईबी के माध्यम से करा सकते हैं। इसके लिए आपको पीआईबी के ऑफिशियल वेबसाइट https://factcheck.pib.gov.in/ पर विजिट करना होगा। इसके अलावा आप वाट्सएप नंबर +918799711259 या ईमेल आईडी pibfactcheck@gmail.com पर भी मैसेज या वीडियो भेज कर फैक्ट चेक करा सकते हैं।

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