केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते पर रोक, जानिए फर्जी नोटिस का सच

फर्जी खबर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते पर रोक, जानिए फर्जी नोटिस का सच

Neha Kumari
Update: 2022-01-06 10:55 GMT
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते पर रोक, जानिए फर्जी नोटिस का सच

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते पर सरकार ने रोक लगा दी है। यह नोटिस सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। जो कोई केंद्रीय कर्मचारी इस पोस्ट को देख रहा है। वह हैरान है कि ऐसा कैसे हो सकता है। कुछ लोग तो इसे सरकार की तरफ से जारी नोटिस मानने लगे है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि सरकार ने यह फैसला ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया है। पोस्ट करने वाले यूजर ने कैप्शन में लिखा है कि ""मोदी जी हमारा आलावेंस काट रहे हैं। फिर कैसे सोचते है हम लोग बीजेपी को वोट देंगे? नो, नेवर, सरकारी नौकरी वाला कोई नहीं देगा बीजेपी को वोट।" 

जानिए क्या है नोटिस की पूरी सच्चाई
सोशल मीडिया पर वित मंत्रालय के नाम से जो आदेश शेयर किया जा रहा है। उसका दावा है कि सरकार ने ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से पैदा हालातों के बीच केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशधारियों के महंगाई राहत पर रोक लगा दी है। इस दावे की सच्चाई का पता लगाने के लिए जब वित मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट को चेक किया गया तो वहां पर इस तरह की कोई सूचना नहीं मिली। आपकों बता दें कि सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। इससे संबंधित कोई मीडिया रिपोर्ट्स भी नहीं मिली है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दस्तावेज पर "आनंद प्रकाश एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, फाइनेंस बजट के मिले हस्ताक्षर फर्जी निकले है। इसकी सच्चाई का पता लगाने के लिए भारतीय रेलवे की वेबसाइट को खंगालने पर पता चला कि "आनंद प्रकाश एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, फाइनेंस बजट, रेलवे बोर्ड" के हस्ताक्षर सही नहीं है। इसमें "एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, फाइनेंस - आरएम, रेलवे बोर्ड" की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी जाने की बात कही गई है। वायरल पोस्ट पर मिले हस्ताक्षर और रेलवे की वेबसाइट पर मिले आदेश के हस्ताक्षर दोनों में अंतर पाया गया हैं। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने भी 3 जनवरी 2022 को एक ट्वीट कर शेयर किये गए दावे को फर्जी बताया है।

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