Fake News: पुलिस के सामने कान पकड़े बैठे मजदूरों की फोटो बिहार की बताकर सोशल मीडिया पर वायरल, जानें क्या है सच 

Fake News: पुलिस के सामने कान पकड़े बैठे मजदूरों की फोटो बिहार की बताकर सोशल मीडिया पर वायरल, जानें क्या है सच 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-26 07:42 GMT
Fake News: पुलिस के सामने कान पकड़े बैठे मजदूरों की फोटो बिहार की बताकर सोशल मीडिया पर वायरल, जानें क्या है सच 

डिजिटल डेस्क। सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है। इस वायरल फोटो में कुछ लोग पुलिस वालों के सामने सड़क किनारे कान पकड़कर बैठे दिखाई दे रहे हैं। बिहार चुनाव के बीच इस फोटो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि, फोटो में कान पकड़कर बैठे लोग बिहार के मजदूर हैं।

किसने किया शेयर?
कई ट्विटर और फेसबुक यूजर ने भी यही दावा किया है। फोटो के साथ कैप्शन शेयर किया जा रहा है - भूलना नहीं है बिहार वासियों! यह आपके साथ नहीं हुआ हो, पर आपके दूसरे गरीब बिहारी भाइयों के साथ ज़रूर हुआ है! उनके स्वाभिमान व न्याय की ख़ातिर भूलना नहीं है बिहार वासियों!। RJD के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से फोटो इसी दावे के साथ शेयर की गई।

क्या है सच?
भास्कर हिंदी की टीम ने पड़ताल में पाया कि, सोशल मीडिया पर वायरल दावा गलत है। वायरल हो रही फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें यही फोटो Outlook वेबसाइट की फोटो गैलरी में मिली। कैप्शन के अनुसार, फोटो इसी साल मार्च महीने की है। यूपी के कानपुर में पुलिस लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को सजा देती दिख रही है। मार्च महीने की कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी इस फोटो को कानपुर का ही बताया गया है। खबरों के अनुसार, उत्तरप्रदेश में 22 मार्च से ही लॉकडाउन लागू हो गया था।

आउटलुक की वेबसाइट पर कान पकड़कर बैठे मजदूरों की फोटो 24 मार्च, 2020 को पब्लिश हुई है। और यूपी में लॉकडाउन 22 मार्च से लगा। यानी फोटो 22 मार्च से 24 मार्च के बीच की ही है। साफ है कि जिस फोटो को RJD के सोशल मीडिया हैंडल्स ने बिहार के मजदूरों का बताया। असल में वो उत्तरप्रदेश के कानपुर की है।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल फोटो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। दरअसल फोटो बिहार का नहीं, बल्कि उत्तरप्रदेश के कानपुर की है। 

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