दुर्लभ बीमारी से ग्रसित नवजात का वीडियो गलत दावे के साथ किया जा रहा शेयर, जाने सच

फैक्ट चैक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित नवजात का वीडियो गलत दावे के साथ किया जा रहा शेयर, जाने सच

Anchal Shridhar
Update: 2022-07-22 13:31 GMT
दुर्लभ बीमारी से ग्रसित नवजात का वीडियो गलत दावे के साथ किया जा रहा शेयर, जाने सच

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक अजीब से दिख रहे नवजात बच्चे का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में सफेद रंग की चादर में लेटे हुए बच्चे के शरीर की सारी नसें साफ दिख रही हैं और उसके शरीर के अंग जैसे- आंख व होंठ सूजे हुए हैं। वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि अजीब से दिखने वाले इस नवजात बच्चे को जहर देकर मारने का प्रयास किया गया लेकिन इसके बाद भी वह नहीं मरा। जिसके बाद उसे गला काटकर दफनाया गया।

एक फेसबुक यूजर ने वायरल हो रहे इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “शामली के पास गांव केडी में आज एक मुसलमान के घर पैदा हुआ अजीबोगरीब बच्चा! 50 जहर के इंजेक्शन लगाने के बाद भी नहीं मरा, फिर गला काटकर दफनाया गया।“


पड़ताल - हमने वायरल वीडियो के बारे में जानकारी एकत्रित की। इसकी शुरुआत हमने वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से की। सर्च करने पर हमें आजतक की एक खबर मिली। 4 जून की इस खबर के अनुसार, वीडियो में वायरल हो रहे बच्चे का जन्म एमपी के रतलाम में हुआ था।  इस खबर के मुताबिक, 4 जून को रतलाम के एसएनसीयू अस्पताल में अजीब से दिखने वाले बच्चे को जन्म हुआ। अस्पताल के डॉक्टरों ने आजतक को बताया कि, जेनेटिक समस्या की वजह से बच्चा ऐसा दिख रहा है। उसके शरीर में त्वचा विकसित नहीं हुई है। 

सर्च में हमें आजतक की वह खबर भी मिली जिसमें उनके द्वारा इस वायरल वीडियो का फैक्ट चैक किया गया है। अपने फैक्ट चैक में आजतक ने वायरल वीडियो में दिखाए गए बच्चे के बारे में और जानकारी एकत्रित करने के लिए रतलाम के एमसीएच हॉस्पिटल के डॉक्टर से बात की। यह वही हॉस्पिटल या अस्पताल है जहां बच्चे का जन्म हुआ था। 

आजतक से बात करते हुए हॉस्पिटल के इंचार्ज डॉ. ने बताया कि, उस बच्चे का जन्म इसी साल जून में हुआ था। इसकी मौत जन्म के 4 से 5 दिन बाद हो गई थी। डॉक्टर के मुताबिक, बच्चा "हार्लेक्विन इक्थियोसिस" नाम की एक बीमारी थी जिस कारण वह ऐसा दिख रहा था। बता दें कि "हार्लेक्विन इक्थियोसिस" स्किन से संबंधित एक जेनेटिक बीमारी है। इस बीमारी का शिकार प्राय: नवजात बच्चे ही बनते हैं। इस बीमारी से ग्रसित बच्चों की मौत जन्म के कुछ समय बाद ही हो जाती है। 

इस पड़ताल से साफ है कि बच्चे को जहर के 50 इंजेक्शन लगाने और गला काटकर दफनाने वाली बात पूरी तरह से गलत है साथ ही यह वीडियो यूपी के शामली का नहीं बल्कि एमपी के रतलाम का है। 
 

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