क्या राम मंदिर अयोध्या में एससी, एसटी व ओबीसी जाति का प्रवेश निधेष रहेगा? जाने सच

फैक्ट चैक क्या राम मंदिर अयोध्या में एससी, एसटी व ओबीसी जाति का प्रवेश निधेष रहेगा? जाने सच

Anchal Shridhar
Update: 2022-07-15 17:18 GMT
क्या राम मंदिर अयोध्या में एससी, एसटी व ओबीसी जाति का प्रवेश निधेष रहेगा? जाने सच

डिजिटल डेस्क, भोपाल। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। कहा जा रहा है कि मंदिर का निर्माण साल 2023 के अंत तक पूरा हो जाएगा एवं 14 2024 में मकर संक्रांति के आसपास पूरा हो जाएगा। इसी बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक पोस्टकार्ड शेयर किया जा रहा है। इस पोस्टकार्ड पर हिंदू युवा वाहिनी, उत्तर प्रदेश के हवाले से लिखा गया है कि राम मंदिर में शूद्र- ओबीसी, एससी, एसटी का प्रवेश निषेध रहेगा। हिंदू युवा वाहिनी का नाम इस पोस्टकार्ड पर होने की वजह से लोग यह मान रहे हैं कि यह बयान इसी संस्था ने जारी किया है। 

सोशल मीडिया पर लोग ये पोस्टकार्ड शेयर करते हुए लिख रहे हैं कि, इसका मतलब एससी, एससी और ओबीसी हिंदू नहीं हैं।


पड़ताल - हमारी फैक्ट चैक टीम ने इस दावे के बारे में जानकारी एकत्रित की। हमने कीवर्ड की सहायता से इसे गूगल पर सर्च किया हमें ऐसा दावा करने वाली कोई खबर नहीं दिखी। न किसी संस्था की बेवसाइट और न ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसा दावा करने वाली कोई पोस्ट नजर आई।

इसके अलावा हमें इस पोस्ट से जुड़ी एक खबर आजतक की वेबसाइट पर मिली। जिसमें इस दावे का खंडन किया गया था। आज तक की खबर के अनुसार, वायरल पोस्टकार्ड के बारे में जब राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप से पूछा गया तो उन्होंने इसे एक अफवाह करार दिया। साथ ही कहा कि, राम मंदिर के दरवाजे सबके लिए खुले हैं। 


इस पोस्ट में हिंदू युवा वाहिनी का नाम लिया गया है तो आजतक ने इस संस्था के प्रवक्ता शशांक शुक्ल से संपर्क किया। प्रवक्ता ने भी इस दावे का पूरी तरह से खंडन करते हुए इसे फर्जी बताया।

हमारी इस पड़ताल से साबित होता है कि हिंदू युवा वाहिनी, उत्तरप्रदेश का नाम उपयोग करके वायरल किया जा रहा है यह दावा कि राम मंदिर में दलित और ओबीसी को प्रवेश नहीं मिलेगा, वह पूरी तरह फर्जी है। संस्था के द्वारा भी इस दावे का खंडन किया गया है। 

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