3 साल की मेहनत के बाद मिला था पहला iPhone, जानें इसकी Secret Story

3 साल की मेहनत के बाद मिला था पहला iPhone, जानें इसकी Secret Story

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-13 05:32 GMT
3 साल की मेहनत के बाद मिला था पहला iPhone, जानें इसकी Secret Story

डिजिटल डेस्क, भोपाल। अमेरिका की टेक्नोलॉजी कंपनी Apple के सबसे पॉपुलर प्रोडक्ट iPhone को 10 साल पूरे हो चुके हैं। आज से 10 साल पहले यानी 2007 में दुनिया को पहला iPhone मिला था। इसके बाद से कंपनी ने लगातार इसमें नई टेक्नोलॉजी और इनोवेशंस किए और इसे दुनिया का सबसे पॉपुलर फोन बना दिया। जब स्टीव जॉब्स ने दुनिया को पहला iPhone दिया, उस वक्त किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि एक दिन ये iPhone लोगों की दुनिया ही बदलकर रख देगा। iPhone को 10 साल होने पर कंपनी ने iPhone X को पेश किया और इसी खास मौके पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर कैसे मिला दुनिया को पहला iPhone। 

बहुत ही सीक्रेट रखा गया था इसे

स्टीव जॉब्स ने जब iPhone बनाने का प्लान किया तो वो नहीं चाहते थे कि इसके बार में किसी को भी कुछ पता चले और इसे पूरी तरह से सीक्रेट रखा गया। ब्रायन मर्चेंट ने एक किताब लिखी है "द वन डिवाइस: द सीक्रेट हिस्ट्री ऑफ द आईफोन"। इस किताब में मर्चेंट ने iPhone की सीक्रेट कहानी को बताया है। उन्होंने इसमें लिखा है कि पहला iPhone बनाने के लिए Apple में किस तरह का काम होता था। 

कैसे हुई iPhone की शुरुआत? 

iPhone को बनने की शुरुआत बहुत ही सीक्रेट रखी गई थी और इसके बारे में स्टीव जॉब्स के अलावा किसी और को भी जानकारी नहीं थी। उस समय स्टीव जॉब्स के दिमाग में iPhone बनाने की बात आई और उन्होंने स्कॉट फोर्स्टाल से एक टीम बनाने को कहा जो iPhone  बनाने का काम कर सके। इसके अलावा जॉब्स ने एक और शर्त रखी कि इस टीम में सिर्फ Apple कंपनी के ही लोगों को शामिल किया जाएगा। इससे बाहर का कोई भी आदमी इस टीम का हिस्सा नहीं होगा। 

टीम को नहीं पता था इस बारे में

iPhone बनाने का काम इतना सीक्रेट रखा गया कि खुद iPhone बनाने वाली टीम को भी इस बारे में जानकारी नहीं थी कि वो किस पर काम कर रहे हैं। टीम को बस इस बारे में बताया गया था कि ये अब तक का सबसे बेस्ट प्रोडक्ट होगा। इसके अलावा जॉब्स ने टीम के सामने ये शर्त रखी थी कि अगर वो वीकेंड और रातों को भी काम करने को तैयार हैं, तो ही इस टीम में शामिल हों। iPhone बनाने के लिए हजारों इंजीनियरों की टीम दिन-रात मेहनत करती रही। इसके लिए कई शादीशुदा लोगों की जिंदगी भी बरबाद हो गई लेकिन स्टीव जॉब्स ने इससे कबी कॉम्प्रोमाइज नहीं किया। 

"प्रोजेक्ट पर्पल" दिया गया नाम

iPhone बनाते समय इसके सीक्रेसी का बहुत ध्यान रखा गया और इसके लिए जॉब्स ने इस प्रोजेक्ट को "प्रोजेक्ट पर्पल" नाम दिया। इसके लिए अमेरिका के कैलिफोर्निया के कूपरटिनो शहर में एक बिल्डिंग को लिया गया और उसे पूरी तरह से लॉक कर दिया गया। इस बिल्डिंग का पहला फ्लोर बैज रीडर और कैमरे से भरा हुआ था और लोगों को कुछ भी नहीं पता था कि इस बिल्डिंग में क्या काम चल रहा है। 

हाई सिक्योरिटी के साथ किया गया काम

इसे बनाने के लिए इसकी सीक्रेसी के साथ-साथ सिक्योरिटी का भी ध्यान रखा गया। जिस बिल्डिंग में iPhone बनाने का काम चल रहा था उसी में हजारों इंजीनियर्स रहते थे और दिन-रात iPhone बनाने में मेहनत करते थे। लोगों को भी नहीं पता था कि ऊपर क्या काम चल रहा है। ज्यादा काम करने की वजह से कई इंजीनियर्स की हालत भी खराब होने लगी, लेकिन स्टीव जॉब्स चाहते थे कि इसके बारे में किसी को भी पता नहीं चले। इसलिए उससे बाहर जाने की इजाजत किसी को नहीं थी। 

3 साल की मेहनत के बाद लॉन्च हुआ iPhone

करीब 3 साल तक हजारों इंजीनियर्स की टीम ने मिलकर पहला iPhone बनाया। इस टीम की मेहनत और स्टीव जॉब्स के हौसले की बदौलत 29 जून 2007 को पहला iPhone दुनिया में लॉन्च किया गया। टीम ने इस फोन की डिजाइन को जैसा बनाया था, आज भी लगभग वैसी ही डिजाइन है। इसके साथ ही दुनिया ने पहला ऐसा डिवाइस देखा था जो टच से काम करता था और साथ ही अच्छी तरह से इंटीग्रेटेड भी था।

कैसा था पहला iPhone? 

पहले iPhone में 3.5 इंच का डिस्प्ले दिया गया था और ये 2G नेटवर्क पर काम करता था। इसके साथ ही इसमें 4, 8 और 16Gb का इंटरनल स्टोरेज दिया गया था। इसमें 2 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया था। पहला iPhone थर्ड पार्टी एप्स एक्सेप्ट नहीं करता था, इसलिए कंपनी ने अपना अलग ऑपरेटिंग सिस्टम ios बनाया। 

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