कनाडा के इंस्टिट्यूट ने किया चौंका देने वाला खुलासा, लाल राजमा को बताया जहर

रेड किडनी बीन्स में फाइटोहेमग्लगुटिनिन नाम का एक जानलेवा पदार्थ पाया जाता है, जो इंसान की जान तक भी ले सकता है

Manuj Bhardwaj
Update: 2023-05-24 14:25 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में पुराने समय से ही खाने पीने की चीजों में काफी वैरायटी देखने को मिलती है। लोग अलग अलग तरह की चीजों को बढ़े चाव से खाते हैं। ऐसी ही एक डिश है राजमा जिसे किसी भी समय खाना हिन्दुस्तान में पसंद किया जाता है। लेकिन कनाडा के एक इंस्टियूट (Canadian Institute of Food Safety) ने लाल राजमा पर शोध किया, जिसमें चौंका देने वाली बात सामने आई है। दरअसल, उनके मुताबिक लाल राजमा जिसे अंग्रेजी में रेड किडनी बीन्स भी कहा जाता है, उसमें फाइटोहेमग्लगुटिनिन नाम का एक जानलेवा पदार्थ पाया जाता है, जो इंसान की जान तक भी ले सकता है।

क्या होता है फाइटोहेमग्लगुटिनिन?

फाइटोहेमग्लगुटिनिन नाम का जहर इंसानी शरीर के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। अगर इंसानी शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाए तो यह आंत को डैमेज भी कर सकता है। इसकी वजह से आदमी की पाचन क्रिया में दिक्कतें उभर सकती हैं। इसके अलावा लोग लाल राजमा की वजह से डायरिया के शिकार भी हो सकते हैं। कनाडा के फूड सेफ्टी संस्थान के शोध के अलावा एक और बड़े संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है। अमेरिका के संस्थान (U.S. Food and Drug Administration) ने इसके आगे बताते हुए कहा कि अगर कोई भी इंसान सूखे लाल राजमा को 10 मिनट से भी कम समय तक पकाकर खाता है तो इसके अंदर मौजूद जहर की मात्रा पांच गुना तक बढ़ जाएगी।

सफेद राजमा को बताया सुरक्षित

वैज्ञानिकों के अनुसार, जहां लाल राजमा का सेवन इंसानी शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है तो वही सफेद राजमा खाने से ऐसी कोई भी दिक्कत नहीं होगी। सफेद राजमा अक्सर हिमालय के सबसे निचले क्षेत्र (तलहटी क्षेत्र) में पाया जाता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा भी लाल राजमा की तुलना में ज्यादा होती है। सफेद राजमा को 20 मिनट भिगोकर खाने से यह काफी पौष्टिक माना जाता है। हालांकि इसे कच्चा खाने से पेट बिगड़ भी सकता है। इसलिए ऐसी राय दी जाती है कि सफेद राजमा को हमेशा पकाकर ही खाना उचित रहता है।

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