हेलीकॉप्टर क्रैश पर खुलासा: इब्राहिम रईसी की मौत पर जांचकर्ताओं ने किया बड़ा खुलासा, बताया हादसे से 90 सेकंड पहले स्पॉट पर क्या हुआ था?

इब्राहिम रईसी की मौत पर जांचकर्ताओं ने किया बड़ा खुलासा, बताया हादसे से 90 सेकंड पहले स्पॉट पर क्या हुआ था?
  • इब्राहिम रईसी की मौत पर बड़ा खुलासा
  • जांचकर्ताओं ने सरकारी मीडिया के सामने रखी अपनी बात
  • रईसी की मौत पर कयासों का बाजार गर्म

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी गुरुवार को सुपुर्द-ए-खाक हो गए। बीते रविवार को उनकी हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इस हादसे में रईसी के साथ देश के विदेश मंत्री और अन्य 6 लोगों की भी मौत हो गई। 19 मई को रईसी का हेलीकॉप्टर पहाड़ से टकरा गया था। जिसके तुरंत बाद बाद हेलीकॉप्टर में आग लग गई थी। जो कि एक समान्य घटना है। इस बात की पुष्टि ईरानी की सरकारी मीडिया से बात करते हुए सैन्य जांचकर्ताओं ने की है। पहले माना जा रहा था कि रईसी की मौत के पीछे किसी तरह की साजिश है। हालांकि, अब सैन्य जांचकर्ताओं ने बताया कि इस बात के संकेत नहीं मिले हैं कि रईसी के हेलीकॉप्टर पर किसी भी तरह का हमला हुआ है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब रईसी की मौत को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

रईसी की मौत पर बड़ा खुलासा

हेलीकॉप्टर क्रैश के बारे में गुरुवार देर रात को जांच प्रभारी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने यह बड़ा खुलासा किया। जांचकर्ताओं ने बताया कि दुर्घटना को लेकर और अधिक जानकारी आगे की जांच में दी जाएगी। जनरल स्टाफ के बयान के मुताबिक, दुर्घटना से पहले कंट्रोल टॉवर और हेलीकॉप्टर के क्रू मेंम्बर्स के बीच बातचीत हुई थी। जिसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं था। साथ ही, यह भी जानकारी दी गई है कि दुर्घटना से 90 सेकंड पहले हेलीकॉप्टर के क्रू मेंम्बर्स से अंतिम बातचीत हुई थी।

गुरुवार को ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को मशहद में मौजूद इमाम रजा दरगाह के अंदर कब्र में दफनाया गया। इस दौरान मशहद की सड़क पर काफी भीड़ देखने को मिला। उन्हें सदियों से शिया समुदाय के लिए पवित्र माने गए ईरान के मशहद में स्थित इमाम रज़ा दरगाह में दफनाया गया। इस दरगाह को शिया इस्लाम में सबसे पवित्र जगह माना गया है। इसी दरगाह में शिया के आठवें इमाम को भी दफनाया गया था। इस्लाम के पैगंबरों का ये भी मानना है कि कोई भी व्यक्ति दुख या पाप से ग्रस्त क्यों न हो। उसे यहां पर दफनाने से मुक्ति मिल जाती है।

इस पवित्र दरगाह में रईसी से पहले भी कई लोगों को दफनाया गया है। बीते कुछ वर्षों से रईसी इस मस्जिद की देखभाल कर रहे थे। साथ ही, वह यहां कुछ समय तक एक चैरिटी फाउंडेशन से जुड़ कर भी काम किए थे।

Created On :   24 May 2024 1:02 PM GMT

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