अल-कायदा के अल-जवाहिरी को मौत के घाट उतारने के लिए अमेरिका ने किया इस खास मिसाइल का इस्तेमाल, ड्रोन के जरिए ऐसे दिया अंजाम

अल-कायदा चीफ का सफाया अल-कायदा के अल-जवाहिरी को मौत के घाट उतारने के लिए अमेरिका ने किया इस खास मिसाइल का इस्तेमाल, ड्रोन के जरिए ऐसे दिया अंजाम

Neha Kumari
Update: 2022-08-02 06:12 GMT
अल-कायदा के अल-जवाहिरी को मौत के घाट उतारने के लिए अमेरिका ने किया इस खास मिसाइल का इस्तेमाल, ड्रोन के जरिए ऐसे दिया अंजाम
हाईलाइट
  • अल-कायदा चीफ को इस मिसाइल से पहुंचाया मौत के घाट
  • बाइडन ने ऑपरेशन को दी मंजूरी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अल-कायदा चीफ और खूंखार आतंकी अयमान अल-जवाहिरी को अफगानिस्तान के काबुल में मौत के घाट उतार दिया गया है। इस बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए अमेरिका ने एक खास ड्रोन से हमला किया। इस बड़े मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने अपने हालिया संबोधन में कहा कि, यह 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमले में मारे गए 2,977 लोगों के परिवारों के लिए न्याय का पल है। ऐसा माना जा रहा है कि इस खास स्ट्राइक को अंजाम देने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ने हेलफायर आर9एक्स का इस्तेमाल किया है, जो एक वारहेड-लेस मिसाइल है। इसका इस्तेमाल खास तौर लक्षित हमलों में किया जाता है। बता दें कि, हमले में मारा गया अल-जवाहरी मिस्र के एक जाने माने परिवार में पैदा हुआ, बड़ा होकर वो एक आई सर्जन से धीरे-धीरे ग्लोबल आतंकवादी संगठन चीफ बन गया, वह ओसामा बिन लादेन का भी काफी खास माना जाता  था।

अल-कायदा के अल-जवाहिरी को ऐसे उतारा मौत के घाट

न्यूज एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, हेलफायर आर9एक्स को पहली बार 2017 में इस्तेमाल में लाया गया था जब अल-कायदा के सीनियर लीडर अबू अल-खैर अल-मसरी को मार गिराया गया था। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मिसाइल के इस्तेमाल के बाद तस्वीरों में विस्फोट के कोई लक्षण नहीं देखने के मिले। इस खास अटैक को अंजाम देने के लिए जिस मिसाइल का उपयोग किया गया उसका नाम "फ्लाइंग जिंसु" बताया जा रहा है। इसे ये नाम 1980 के दशक में आए एक प्रसिद्ध टेलीविजन एड के बाद दिया गया था। ये एड एक जापानी चाकू का था जो बड़ी आसानी से एलुमिनियम कैन्स काट देता था।

पिछले हफ्ते ऑपरेशन को मिली मंजूरी

ऑपरेशन खत्म होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने अपने संबोधन में कहा कि, इस हमले में जवाहिरी के परिवार के सदस्यों को कोई नुकसान नहीं हुआ, और किसी नागरिक को भी कोई चोट नहीं आई है। ऐसा बताया जा रहा है कि, तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों को अयमान अल-जवाहिरी के काबुल में होने की जानकारी पहले से थी। ऑपरेशन का कानूनी आधार था, अधिकारी ने आगे कहा। ऑपरेशन की योजना हफ्तों पहले बनाई गई थी जिसे पिछले हफ्ते कमांडर-इन-चीफ बिडेन ने मंजूरी दी थी।

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