अशरफ गनी को संयुक्त राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्षों की सूची से हटाया गया

अफगानिस्तान अशरफ गनी को संयुक्त राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्षों की सूची से हटाया गया

IANS News
Update: 2022-02-23 08:01 GMT
अशरफ गनी को संयुक्त राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्षों की सूची से हटाया गया
हाईलाइट
  • संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान की सीट एक विवादित मुद्दा

डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी और पूर्व विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमर का नाम संयुक्त राष्ट्र प्रमुखों की सूची से हटा दिया गया है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच नसीर अहमद फैक को संयुक्त राष्ट्र में राज्यों के स्थायी प्रतिनिधियों की सूची में अफगानिस्तान के प्रभारी मामलों के रूप में नामित किया गया है।

अगस्त 2021 में काबुल के पतन के बाद पूर्व राजदूत और अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि गुलाम मोहम्मद इशाकजई के इस्तीफे के बाद संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान की सीट एक विवादित मुद्दा बन गई है। इशाकजई के इस्तीफे के बाद, फैक को चार्ज डी अफेयर के रूप में नियुक्त किया गया। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के स्थायी मिशन ने बाद में एक बयान जारी कर कहा कि उप प्रतिनिधि मोहम्मद वली नईमी, फैक के बजाय चार्ज डी अफेयर बन गए हैं।

अतमर ने खुद को गणतंत्र सरकार का विदेश मंत्री घोषित किया। उन्होंने कथित तौर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि नईमी स्थायी मिशन का नेतृत्व चार्ज डीएफेयर के रूप में ग्रहण करेंगे। पत्र के अनुसार, जब इशाकजई ने इस्तीफा दिया, तो सिद्धांत के आधार पर नईमी ने जिम्मेदारी संभाली होगी, लेकिन चूंकि वह बीमार थे, इसलिए फैक को इसके बजाय नियुक्त किया गया।

बयान के अनुसार, जैसे ही नईमी ठीक हुए, वह चार्ज डीएफेयर बन गए और फैक ने अपनी पिछली भूमिका में काम करना जारी रखा। टोलो न्यूज से मंगलवार को फैक ने कहा कि अतमर का संयुक्त राष्ट्र को पत्र स्वीकार नहीं किया गया था और गनी और अतमर का नाम संयुक्त राष्ट्र प्रणाली से हटा दिया गया है।

अतमर के पत्र और मिशन के एक नए कार्यवाहक प्रमुख को पेश करने के उनके प्रयास ने कानूनी और राजनीतिक वर्गो सहित संयुक्त राष्ट्र के विभागों को पत्र का आकलन करने के लिए प्रेरित किया। फिर, यह निर्णय लिया गया कि 15 अगस्त को इसके पतन के बाद पूर्व सरकार आधिकारिक नहीं थी और उस पत्र पर विचार नहीं किया गया। इसके कारण संयुक्त राष्ट्र प्रणाली से उनके नाम भी हटा दिए गए।

 

(आईएएनएस)

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