क्या दूसरा यूक्रेन बनने की राह पर चल पड़ा ताइवान? चीन के इस कदम से जताई जा रही है आशंका

ताइवान विवाद क्या दूसरा यूक्रेन बनने की राह पर चल पड़ा ताइवान? चीन के इस कदम से जताई जा रही है आशंका

Anupam Tiwari
Update: 2022-08-03 18:54 GMT
क्या दूसरा यूक्रेन बनने की राह पर चल पड़ा ताइवान? चीन के इस कदम से जताई जा रही है आशंका
हाईलाइट
  • चीन ताइवान को घेरने में लगा

डिजिटल डेस्क, ताइपे। चीन और ताइवान के बीच विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बीते मंगलवार को अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे के बाद चीन और भड़क गया। यहां तक की चीन ने धमकी देते हुए कहा कि ताइवान और चीन के बीच दूसरे देशों की दखल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बावजूद भी अमेरिका स्पीकर पेलोसी ताइवान पहुंची थीं। चीन अब ताइवान को घेरने में लगा है। खबरों के मुताबिक, समुद्र में ताइवान को आइसोलेट करने के लिए चीन ने उसकी घेराबंदी शुरू कर दी है। जानकारों का मानना है कि चीन की अब यही प्लानिंग है कि ताइवान को व्यापारिक चोट पहुंचाई जाए।

बताया जा रहा है कि इस समय चीन के दो बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर ताइवान स्ट्रेट के पास मौजूद है। इन दोनों का नाम शेडोंग (सीवी-17) और लियाओनिंग-001 एयरक्राफ्ट है। उधर, ताइवान ने भी अपना मिसाइल सिस्टम एक्टिवेट कर लिया है। चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय जानकारों का कहना है कि अगर ताइवान अमेरिका के उकसावे में आया तो यूक्रेन जैसे युद्ध के हालात बन सकते हैं। लोगों का कहना है कि इन दिनों यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग में अमेरिका का बड़ा हाथ है। चीन भी ताइवान में अमेरिका की दखल को लेकर बौखला गया है और हर हाल में इससे निपटने की तैयारी में जुट गया है। चीन के समर्थन रूस और पाकिस्तान भी उतर आया है। 

ताइवान को समुद्री इलाकों में घेरने की योजना 

शेडोंग (सीवी-17) एक ऐसा एयरक्राफ्ट कैरियर है जो दूसरे जहाजों के साथ चलता है। बताया जाता है कि इस कैरियर में भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ भी मौजूद रहते हैं। अक्सर ये कैरियर टाइप 075 वाले एसॉल्ट शिप के साथ ही देखा जाता है। गौरतलब है कि यह एयरक्राफ्ट साल 2017 के दौरान कमीशन हुआ था। एक बार में ये कैरियर 36 एयरक्राफ्ट को लेकर जा सकता है, जबकी लंबाई 305 मीटर है। 

लियाओनिंग-001 एयरक्राफ्ट

गौरतलब है कि चीन का लियाओनिंग-001 एयरक्राफ्ट काफी अत्याधुनिक है। बताया जाता है कि ये कम से कम 8 वॉरशिप के साथ मिलकर अपना स्ट्राइक ग्रुप बनाता है। गौरतलब है कि इस एयरक्राफ्ट का कमीशन साल 1988 में हुआ था। यह कैरियर एक बार में 40 एयरक्राफ्ट ले जाने में सक्षम है। इसकी लंबाई 304 मीटर होती है। 

ताइवान पोर्ट पर चीन की पैनी नजर

गौरतलब है कि चीन इस वक्त ताइवान की हर कार्यशैली पर पैनी नजर रख रहा है। लोगों का कहना है कि ताइवान पोर्ट्स के जरिए है दुनिया के साथ अपना व्यापार करता है। ताइपे पोर्ट सबसे बड़ी कंटेनर सुविधाओं से सुसज्जित है, हर साल करीब 3 हजार शिप आते हैं। ताइवान के दूसरे पोर्ट भी खेती, चीनी व्यापार व तेल व्यापार के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। चीन अब पोर्ट को अपना निशाना बनाने की फिराक में है और समुद्र में चारों तरफ से घेरने की योजना बना रहा है। गौरतलब है कि चीन के साथ ताइवान की धरती पर अमेरिकी उपस्थिति दर्ज है। मौजूदा वक्त में ताइवान में अमेरिका के चार वॉरशिप तैनात है। इन सभी को देखते हुए अब आशंका यही जताई जा रही है कि आने वाले दिनों ताइवान में भी यूक्रेन जैसे ही युद्ध के हालात बन सकते हैं क्योंकि अमेरिका पहले ही कह चुका है कि वह ताइवान को हर तरह से मदद करेगा। 

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