सूडान के गृह युद्ध से कोरोना का कहर बढ़ने का अंदेशा, जानिए एक दल के कब्जे से कैसे बढ़ सकता है कोरोना सहित दूसरी महामारियों का खतरा? 

सूडान का युद्ध से बढ़ेगा कोरोना? सूडान के गृह युद्ध से कोरोना का कहर बढ़ने का अंदेशा, जानिए एक दल के कब्जे से कैसे बढ़ सकता है कोरोना सहित दूसरी महामारियों का खतरा? 

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-26 08:42 GMT
सूडान के गृह युद्ध से कोरोना का कहर बढ़ने का अंदेशा, जानिए एक दल के कब्जे से कैसे बढ़ सकता है कोरोना सहित दूसरी महामारियों का खतरा? 

डिजिटल डेस्क, खार्तूम। पिछले 11 दिनों से सूडान में तबाही का मंजर दिख रहा है। चारों तरफ लड़ाई झगड़ा और एक-दूसरे को मारते लोग दिख रहे हैं। गृह युद्ध की वजह से सूडान में दिन ब दिन गंभीर स्थिति बनती जा रही है। खबरों की मानें तो, सूडान में गृहयूद्ध छिड़ने पर अब तक करीब 500 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है।
 
इन सब के बीच डब्लयूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बायोलॉजिकल खतरे की अंदेशा जताया है। संगठन के मुताबिक, सूडान की राजधानी खार्तूम में लड़ने वालों में से एक पक्ष ने खसरा और हैजा जैसी बीमारी को पैदा करने वाले खतरनाक वायरस वाले लैबोरेट्रीज को कब्जे में ले लिया है।

डब्लयूएचओ के प्रतिनिधि नीमा सईद ने क्या कहा?

सूडान देश में डब्लयूएचओ के प्रतिनिधि नीमा सईद ने 25 अप्रैल को पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा था कि, लैबोरेट्रीज में रखे सामानों को सुरक्षित करने के लिए तकनीशियन राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला तक पहुंचने में फेल हो गए हैं। जो कि बेहद ही चिंता की बात है। उन्होंने आगे कहा, हमें अभी तक ये जानकारी नहीं मिली है कि ये लैबोरेट्रीज किस पक्ष ने अपने कब्जे में लिया है। नीमा ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि, लैब तक जाने के लिए, सामानों को सुरक्षित रूप से रखने के लिए लैब तकनीशियनों के पास कोई साधन मौजूद नहीं है जो पूरी दुनिया के लिए खतरा बढ़ा सकता है। 

करीब 500 लोगों की गई जान

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सूडान हिंसा पर नए आंकड़े जारी किया है। डब्लयूएचओ के मुताबिक, सूडान में सशस्त्र बलों और रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच 15 अप्रैल से जंग छिड़ा हुआ है। जिसमें अब तक 459 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 4 हजार से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

सूडान पर अमेरिका की नजर

सूडान में चल रही लड़ाई आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। जरूरत की सामानें बड़ी मुश्किल से मिल रही हैं। सशस्त्र बलों और रैपिड सपोर्ट फोर्स की लड़ाई की वजह से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से हजारों लोग अपने घर में फंसे हुए हैं, डर के मारे वो बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। इनकी लड़ाई में सयुक्त राष्ट्र ने दो अपने कर्मचारी खो दिए हैं जिसके बाद से ही उसका पूरा ध्यान सूडान के हर गतिविधियों पर बना हुआ है।


 

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