आम चुनाव 2024: इमरान खान समेत पीटीआई के कई नेताओं के नामांकन खारिज, पाक चुनाव आयोग के कदम को बताया सत्तारूढ़ पार्टी की रणनीति

  • इमरान की उम्मीदों पर चुनाव आयोग का चाबुक
  • पीटीआई को बड़ा लगा झटका
  • 9 अगस्त को भंग हुई थी पाकिस्तान की संसद

ANAND VANI
Update: 2023-12-31 03:37 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। 8 फरवरी को होने जा रहे पाक आम चुनाव  के लिए इमरान खान के नामांकन को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है। चुनाव आयोग ने तोशखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के चलते खान की ओर से दर्ज किए गए दो असेंबली सीटों से नामांकन फॉर्म को निरस्त कर दिया है। इससे पीटीआई को बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने नामांकन पत्रों की जांच के आखिरी दिन शनिवार को नामांकन को कमजोर आधार बताकर इमरान समेत कई दिग्गज नेताओं के नामांकन खारिज कर दिए। 

पीटीआई के केवल इमरान ही नहीं बल्कि उनकी पार्टी पीटीआई के अन्य वरिष्ठ नेता शाह महमूद कुरैशी, हम्माद अजहर, मुराद सईद, साहिबजादा सिघबतुल्लाह, डॉ. अमजद खान, फजल हकीम खान, मियां शराफत और सलीम उर रहमान का नामांकन भी खारिज हुआ है।  कई नेताओं के नामांकन खारिज हो जाने के बाद पीटीआई ने चुनाव आयोग के इस एक्शन पर कड़ी निंदा की है। पीटीआई ने इसे लेकर सत्ता पार्टी पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि सत्तारूढ़ दल पीटीआई का सामना नहीं कर सकते, इसलिए इन रणनीति का सहारा ले रहे हैं

ईसी ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) संस्थापक इमरान खान की दो राष्ट्रीय असेंबली सीटों लाहौर और मियांवाली से नामांकन खारिज किया है। आपको बता दें तोशाखाना मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने खान की सजा को निलंबित कर दिया था, लेकिन उनकी अयोग्यता अभी भी कायम है। शाह महमूद कुरैशी भी कई मामलों में गिरफ्तारियों का सामना कर रहे है। कुरैशी ने मुल्तान और थारपारकर की सीटों से नामांकन दाखिल किया था।

चुनाव आयोग से पहले इमरान के खिलाफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के मियां नसीर ने आपत्ति जताई थी, नसीर ने तोशाखाना मामले में पूर्व पीएम की 5 साल की अयोग्यता का उल्लेख किया गया था। 

आपको बता दें राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर 9 अगस्त 2023 की आधी रात को पाकिस्तान की संसद भंग कर दी गई थी। जारी नोटिफिकेशन में संविधान के आर्टिकल 58 के तहत नेशनल असेंबली को भंग किया । संसद का पांच साल का कार्यकाल आधिकारिक तौर पर 12 अगस्त को खत्म होना था।

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