आरोप -प्रत्यारोप: रूसी राजदूत एंटोनोव ने कहा यूरोप में साइबर हमलों के लिए रुस को जिम्मेदार ठहराना अमेरिका का झूठा प्रचार

  • यूरोप में साइबर हमलों की एक श्रृंखला
  • एपीटी28 समूह को दोषी ठहराने में जर्मनी के साथ शामिल
  • तथ्य और साक्ष्यों के साथ प्रसारित करें

ANAND VANI
Update: 2024-05-04 06:18 GMT

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन।अमेरिका में रूसी राजदूत अनातोली एंटोनोव ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उन बयानों को झूठा प्रचार बताया जिनमें रूसी खुफिया सेवाओं के कथित तौर पर यूरोप में साइबर हमलों में शामिल होने का दावा किया जा रहा है। एंटोनोव ने शनिवार को ये सब कहा।

यूनीवार्ता के मुताबिक एंटोनोव ने अपने बयान में कहा , “हम ऐसे बयानों को मेगाफोन कूटनीति का एक और उदाहरण तथा रूस पर आरोप लगाने की अमेरिका की अदम्य इच्छा का सबूत मानते हैं। हमने अमेरिका से बार-बार कहा है, यदि आपको कोई संदेह है, तो उन्हें विशिष्ट तथ्य और साक्ष्य के प्रावधान के साथ आधिकारिक चैनलों के माध्यम से प्रसारित किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी अधिकारियों के पास अपने दावों के समर्थन में दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है। यह स्पष्ट है कि जैसे-जैसे अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ऐसी उत्तेजक फर्जी कहानियां और तेज होती जाएंगी जैसा कि पिछले वर्षों में हुआ था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने शुक्रवार को कहा था कि अमेरिका यूरोप में साइबर हमलों की एक श्रृंखला के लिए एपीटी28 समूह को दोषी ठहराने में जर्मनी के साथ शामिल है , जो कथित तौर पर रूसी खुफिया सेवाओं से जुड़ा हुआ है।

आपको बता दें ये कोई पहला मौका नहीं जब रूस पर इस तरह के आरोप लग रहे है। इससे पहले भी जर्मनी समेत कई देशों में साइबर हमलों के पीछे भी रूस का हाथ होने के आरोप सामने आए।डीडब्ल्यू डॉट कॉम ने लिखा है कि यूक्रेन पर हमलों के बाद से ही रूस के साथ जर्मनी और पश्चिमी देशों के रिश्तों में तनाव बना हुआ है।

ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गईं जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने पत्रकारों से कहा है कि सरकार की तरफ से कराई गई जांच के नतीजे में पता चला है कि 2023 के जिन साइबर हमलों में सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी (एसपीडी) के सदस्यों को निशाना बनाया गया था, उसे एपीटी28 नाम के गुट ने अंजाम दिया था। एसपीडी जर्मनी के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल सबसे बड़ी पार्टी है।

विदेश मंत्री बेयरबॉक ने आगे कहा कि एपीटी28, "रूस की मिलिट्री इंटेलिजेंस सेवा चलाती है। बेयरबॉक ने यह भी कहा, दूसरे शब्दों में यह जर्मनी पर सरकार प्रायोजित साइबर हमला था, जो बिल्कुल असहनीय और अस्वीकार्य है, और इसके नतीजे दिखेंगे। इसके बाद जर्मनी ने बर्लिन में रूस के कार्यवाहक राजदूत को समन किया। हालांकि रूस इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल होने से मना करता रहा है।

विदेश मंत्री के अलावा जर्मन गृह मंत्री नैंसी फेजर का कहना है कि साइबर अभियान रूस की सैन्य खुफिया सेवा जीआरयू ने चलाया था और यह 2022 में शुरू हुआ। इसने हथियार बनाने वाली और एयरोस्पेस कंपनियों को भी निशाना बनाया था।

एपीटी28 या फैंसी बेयर

एपीटी28 को फैंसी बेयर भी कहा जाता है। इस पर दुनिया भर के देशों में दर्जनों साइबर हमले करने के आरोप हैं। फैंसी बेयर के चर्चित कांडों में से 2015 का वह साइबर हमला भी शामिल है जब जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग का कंप्यूटर नेटवर्क ठप्प हो गया था। इसकी वजह से कई दिनों तक संसद का कामकाज ऑफलाइन रहा।

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