ब्रिक्स देशों के सामने चीनी NSA पर गरजे अजीत डोभाल, लद्दाख में ड्रेगन की नापाक हरकतें रोकने की दी चेतावनी

  • जोहांसबर्ग में हुई ब्रिक्स देशों के नेशनल सिक्योरिटी एजवाइजर्स की मीटिंग
  • डोभाल और चीनी डिप्लोमैट वांग यी हुए शामिल
  • दोनों के बीच हुई द्वीपक्षीय बैठक

Anchal Shridhar
Update: 2023-07-25 10:51 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच 3 साल पहले गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से ही तनाव चल रहा है। भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोभाल ने मंगलवार को चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। दोनों की ये मुलाकात साउथ अफ्रीका के में जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स देशों के नेशनल सिक्योरिटी एजवाइजर्स की मीटिंग के दौरान हुई। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान डोभाल ने चीनी डिप्लोमेट से दो टूक शब्दों में कहा है कि सीमा पर शांति बनाए बिना भारत-चीन के बीच रिश्ते मजबूत नहीं हो सकते। डोभाल ने कहा कि 'गलवान हिंसा के बाद दोनों देशों के बीच रणनीतिक विश्वास कम हुआ।'

डोभाल और वांग यी की मुलाकात को लेकर विदेश मंत्रालय ने आज एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि, 'भारत और चीन के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि 2020 से भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर स्थिति ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक विश्वास और रिश्ते को धीरे-धीरे खत्म कर दिया है।' बयान में कहा गया है कि ' डोभाल ने समस्या को सुलझाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों पर जोर दिया ताकि द्विपक्षीय संबंधों की बेहतरी के रास्ते में आने वाली मुश्किलों को दूर किया जा सके।' बयान के मुताबिक, 'दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण है।'

जयशंकर-वांग यी की भी हो चुकी है मुलाकात

कुछ दिन पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ब्रिक्स की एक बैठक में शामिल होने इंडोनेशिया गए थे। इस दौरान उनकी मुलाकत वांग यी के साथ हुई थी। इस मुलाकात में दोनों के बीच सीमा विवाद और कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर बात हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तब जयशंकर ने भारत-चीन सीमा पर पिछले 3 सालों से जारी तनाव को अपने करियर का सबसे कठिन कूटनीतिक चैलेंज बताया था।

भारत चीन एक दूसरे के दोस्त, दुश्मन नहीं - वांग यी

वहीं ब्रिक्स देशों के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर्स की इस मीटिंग में वांग यी ने कहा, भारत और चीन एक दूसरे के दुश्मन नहीं हैं। दोनों देशों के बीच विवाद रहे या सहयोग, इसका सीधा असर दोनों के विकास और वैश्विक परिदृश्य पर पड़ेगा। दरअसल, वांग यी ने ये बात भारत सरकार द्वारा चीन की इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी BYD मोटर्स का भारत में प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव खारिज करने पर कही। इसी के साथ उन्होंने भारत सरकार से अपने इस फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की।

बता दें कि वांग यी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के राजनीतिक ब्यूरो के मेंबर और विदेश मामलों के आयोग के निदेशक हैं। उन्हें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी नेताओं में से एक गिना जाता है। 

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