Economy Crisis: बढ़ती महंगाई के चलते पाकिस्तान की अवाम का हाल बेहाल! मुल्क में महंगाई दर 42 प्रतिशत से ज्यादा

  • पाकिस्तान में लगातार बढ़ रही महंगाई
  • जनता हो रही है परेशान
  • अगले साल पाकिस्तान में होने हैं आम चुनाव

Dablu Kumar
Update: 2023-12-23 18:05 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बीते कई सालों से महंगाई के बादल छाए हुए हैं। जिससे पाकिस्तान की अवाम का हाल बेहाल हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान पर करीब 2.3 बिलियन डॉलर का कर्ज है। जिस वजह से वहां पर दैनिक जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। मुल्क में बिजली के बिल, गैस के दाम और तेल की कीमतों पर भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ऐसे में पाकिस्तान का महंगाई दर या संवेदनशील मूल्य सूचकांक (एसपीआई) 42.6 तक पहुंच चुका है। यही वजह है कि मुल्क में चिकन, चाय, आटा और चावल जैसे चीजों के दाम तेजी से बढ़ गए हैं। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सप्ताह में छठवी बार मुद्रास्फीति सूचकांक 41 फीसदी के पार जा चुका है।

ऐसे में पाकिस्तान सरकार ने भारी बिजली बिलों के भुगतान का भार अपनी जनता के ऊपर डाल दिया है। जिसके चलते सरकार ने लोगों के बीच महंगे बिलों के भुगतान करने के लिए फरमान जारी कर दिए हैं। इस संदर्भ में पाकिस्तान के नेशनल इलेक्ट्रिक पॉवर रेगुलेटरी अथॉरिटी (एनईपीआरए) ने बिजली के रेट को लेकर बड़ा बदलाव किया है। पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, बिजली की कीमतों में 1.15 पीकेआर (पाकिस्तानी मुद्रा) प्रति यूनिट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। जिसे एनईपीआरए अगले साल के शुरुआती तीन महीनों के अंदर बिजली बिलों में जोड़ेगा । इसका मतलब यह है कि पाकिस्तान की जनता को महंगे बिजली बिलों का भुगतान करना होगा।

महंगाई के चलते अवाम हो रही ग्रसित

पाकिस्तान की बढ़ती कीमतों का असर बिजली के बिलों में साफ दिखाई दे रहा है। पिछले कई सालों की स्थिति पर गौर करें तो महंगाई के लिहाज से पाकिस्तान का हाल काफी बुरा हो चुका है। इन हालातों से सुलझाने के बजाय वह अपनी जनता को महंगाई की चपेट में घसीटता जा रहा है। इसके लिए पाकिस्तानी सरकार तेल की कीमतों से लेकर बिजली के बिलों में भारी बढ़ोतरी कर जनता से पैसे ऐंठ रही है। मुल्क में आटा-चावल की खरीदी से पहले ही जनता परेशान हो चुकी है। ऐसे में देश के हालात इतने बद्दतर हो चुके हैं कि नागरिकों के लिए रोटी तक जुटा पाना भी नसीब नहीं हो रहा है। हाल ही के दिनों में पाकिस्तान में बढ़ते बिजली बिलों से जनता बुरी तरह से ग्रसित हो चुकी थी। ऐसे में पाकिस्तान की सरकार और वहां की जनता के बीच गृहयुद्ध जैसे मंजर देखने को मिले थे। इसके बावजूद भी पाकिस्तान अपनी जनता पर तरस नहीं खा रहा है।

यूएई ने की पाकिस्तान की मदद

मुल्क की खराब अर्थव्यवस्था के अलावा पाकिस्तान में प्रदूषण को लेकर भी खराब स्थिति बनी हुई है। ऐसे में यूएई सरकार ने पाकिस्तान के हालातों को देखते हुए मुफ्त में कृत्रिम बारिश कराने का निर्णय लिया था। यूएई की ओर से लिया गया ये निर्णय इसलिए भी जरूरी था क्योंकि, लाहौर समेत मुल्क के कई शहरों में हवा की खराब गुणवत्ता और धुंध की समस्या छाई हुई थी। इसी वजह से वहां पर कृत्रिम बारिश कराना काफी जरूरी था। पाकिस्तानी सूत्रों के अनुसार, देश में लोगों को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए सरकार ने कृत्रिम बारिश को लेकर एक योजना तैयार की थी। इस प्लान के लिए पाकिस्तानी सरकार को लगभग 35 करोड़ रुपये की आवश्यकता थी। ऐसे में पाकिस्तान अपने पड़ोसी देश और अपने करीबी दोस्त चीन से मदद की आस लगा रहा था। जिससे पाकिस्तान में प्रदूषण से प्रभावित 10 शहरों को राहत मिल सके। हालांकि, पाकिस्तान को चीन की ओर से कोई मदद नहीं मिली। जिसके बाद यूएई पाकिस्तान की मदद करने के लिए आगे आया और उसे पॉल्यूशन से छुटकारा दिलाया।


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