International Women's Day: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की ऐसे हुई शुरुआत

International Women's Day: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की ऐसे हुई शुरुआत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-07 09:36 GMT

डिजिटल डेस्क। विश्व महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। इस खास दिन पर महिलाओं की उपलब्धियों को सराहा जाता है। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाता है। उनसे जुड़े हर एक मुद्दों पर बात की जाती है। महिला दिवस के इस मौके पर हम यहां आपको बता रहे हैं कि इसकी शुरुआत कहां से, कैसे हुई और किसने की। 

1975 में महिला दिवस को आधिकारिक मान्यता उस वक्त दी गई थी जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे वार्षिक तौर पर एक थीम के साथ मनाना शुरु किया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहली थीम थी "सेलीब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फोर फ्यूचर।" सबसे पहले साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था, लेकिन तकनीकी तौर पर इस साल हम 107वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं।

करीब 100 साल पहले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत हुई थी जिसका आइडिया भी एक महिला का ही था। इस महिला का नाम क्लारा जेटकिन था। क्लारा यूं तो मार्क्सवादी चिंतक और कार्यकर्ता थीं, मगर महिलाओं के अधिकारों के सवाल पर भी वह लगातार सक्रिय रहीं। 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी औरतों की एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई। इसी कॉन्फ्रेंस में पहली बार उन्होंने इंटरनेशनल वुमेन्स डे मनाने का सुझाव दिया था। उस कॉन्फ्रेंस में 17 देशों की तकरीबन 100 औरतें मौजूद थीं। उन सभी ने क्लारा के इस सुझाव का समर्थन किया। 

क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
जब क्लारा ने महिला दिवस को वुमेन्स डे मनाने की बात कही थी तब उसके लिए उन्होंने कोई दिन या तारीख नहीं दी थी 1917 की बोल्कशेविक क्रांति के दौरान रुस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस की मांग की थी। महिलाओं की हड़ताल के दबाव के कारण वहां के सम्राट विकोलस को अपना पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना के फलस्वरुप वहां की अंतरिम सरकार ने स्थानिय महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया था। उस समय रुस में जूलियन कैलेंडर का उपयोग होता था। जिस दिन महिलाओं ने हड़ताल की थी उस दिन 23 फरवरी थी और ग्रेगेरियन कैलेंडर में यह दिन 8 मार्च था, तब से ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाने लगा। 

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