गलती से भी शाम को न खाएं समोसा, हो जाएंगी इतनी बीमारियां 

गलती से भी शाम को न खाएं समोसा, हो जाएंगी इतनी बीमारियां 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-20 09:04 GMT

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। इंडिया में अगर चाय को राष्ट्रीय पेय मान लिया जाए तो फिर निश्चित ही समोसे को राष्ट्रीय स्नैक्स में शामिल किया जाएगा। हमारे देश में ऐसे बहुत कम लोग होंगे जिन्हें समोसा नापसंद हो। घर आए मेहमान हो या ऑफिस में टी ब्रेक, लोग समोसा तो किसी भी वक्त खाना पसंद करते हैं, लेकिन अगर आप शाम को समोसा खाने के शौकीन हैं तो संभल जाइये क्योंकि ये आदत आपकी सेहत के लिए बहुत खतरनाक है।  
 

 

मैदा जो बस सेहत का दुश्मन है

समोसा मैदे से बनाया जाता है। मैदा एक ऐसी चीज है जिसे खाने से सिर्फ आपके शरीर को नुकसान ही होता है। मैदे में किसी भी प्रकार के न्यूट्रिएंट्स नहीं पाए जाते हैं। समोसे का सेवन करने से आपको ब्लड शुगर, हार्ट प्रॉब्लम या मेटाबोलिज्म रेट कम होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 

                          

तला हुआ समोसे से हो सकता है कैंसर

कई बार समोसे को बार-बार फ्राई किया जाता है ताकि कस्टमर की गर्म समोसा खाने की डिमांड को पूरा किया जा सके। ऐसे में डीप फ्राइड समोसा कैंसर का कारण बन सकता है। डॉक्टर्स भी हमेशा डीप फ्राइड स्नैक्स खाने से मना करते हैं।  
 

 

 

नमक स्वाद ही नहीं बढ़ाता, नींद भी उड़ाता है 

नमक का इस्तेमाल न सिर्फ गूंथे हुए मैदे में किया जाता है बल्कि समोसे का टेस्ट और बढ़ाने के लिए इसे ऊपर से भी डाला जाता है। आप चाहे कितने भी थके हुए हों, अगर आपने समोसा खा लिया तो नींद तो उड़ेगी ही उड़ेगी, आपको वाटर रिटेंशन जैसे परेशानी भी झेलनी पड़ सकती है।
 

 

 

समोसा खाने से बढ़ने लगता है तेजी से वजन 

कई बार आपको ऐसा लगता होगा कि हफ्ते में एक-दो बार समोसा खाने से आपकी बॉडी में कोई फर्क नहीं पड़ेगा तो आप गलत हैं। हालांकि समोसे में कई प्रकार की सामग्री मिलाई जाती है, लेकिन उसके डीप फ्राइड होने के बाद इन सभी के पौष्टिक तत्त्व खत्म हो जाते हैं और ये अनहेल्दी कैलोरीज आपकी सेहत को खराब करती हैं।

 

 

 

एक समोसा बनता है कई रोगों की वजह 

अगर आप कभी गंभीर तौर पर बीमार नहीं पड़े हैं और आपकी कोई भी मेडिकल हिस्ट्री नहीं है तो ऐसे में समोसे से दूर रहने में ही भलाई है। अगर आप समोसे का सेवन करते हैं तो आपको डाइबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कार्डियोवैस्कुलर जैसे बीमारियों का सामना  करना पड़ सकता है। 

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