जानिए स्वाइन फ्लू के लक्षण, आजमाएं ये घरेलू नुस्खे

जानिए स्वाइन फ्लू के लक्षण, आजमाएं ये घरेलू नुस्खे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-21 09:42 GMT
जानिए स्वाइन फ्लू के लक्षण, आजमाएं ये घरेलू नुस्खे

डिजिटल डेस्क,भोपाल। स्वाइन फ्लू बहुत तेजी से फैलने वाली बीमारी है। ये एन्फ्लूएंजा वायरस के नाम से भी जाना जाता हैं। ये वायरस सुअरों के श्वसन तंत्र से निकलता है। इस वायरस में परिवर्तित होने की क्षमता होती है, जिससे यह आसानी से लोगों में फैल जाता है। आज हम इसके घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे।

स्वाइन फ्लू के लक्षण

स्वाइन फ्लू के लक्षण भी सामान्य एन्फ्लूएंजा के लक्षणों की तरह ही होते हैं। बुखार, तेज ठंड लगना, गला खराब हो जाना, मांसपेशियों में दर्द होना, तेज सिरदर्द होना, खाँसी आना, कमजोरी महसूस करना आदि लक्षण इस  बीमारी के दौरान उभरते हैं। इस साल इंसानों में जो स्वाइन फ्लू का संक्रमण हुआ है, वो तीन अलग-अलग तरह के वायरसों के सम्मिश्रण से उपजा है। आप कई तरह के घरेलू उपाए कर इससे बच सकते हैं। आइए जानते हैं इसके घरेलू उपायों के बारे में।

ये उपाय करें

तुलसी- दोनों तरफ से धुली हुई तुलसी की पत्तियाँ रोज सुबह लें। तुलसी का अपना एक चिकित्सीय गुण है। यह गले और फेफड़े को साफ रखती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर इसके संक्रमण से बचाती है।

गिलोय- गिलोय कई क्षेत्रों में सामान्य रूप से पाई जाती है। गिलोई की एक फुट लंबी शाखा लें। इसमें तुलसी की 5-6 पत्तियाँ मिलाकर इसे 15-20 मिनट तक उबाल लें, जब तक कि इसमे इसके तत्व ना घुल जाएँ। इसमें स्वादानुसार काली मिर्च, सेंधा नमक (यदि व्रत है तो) या काला नमक, मिश्री मिला लें। इसे ठंडा होने दें और गुनगुने का सेवन करें। इम्यूनिटी के लिए यह कारगर है। अगर गिलोई का पौधा मिल नहीं हो तो हमदर्द या अन्य किसी ब्रांड का गिलोई पाउडर इस्तेमाल कर यह काढ़ा बना सकते हैं।

कपूर- गोली के आकार का कपूर का टुकड़ा महीने में एक या दो बार लिया जा सकता है। बड़े लोग इसे पानी के साथ निगल सकते हैं और छोटे बच्चों को यह आलू या केले के साथ मलकर दे सकते हैं, क्योंकि इसे सीधा लेना मुश्किल होता है। याद रखें कपूर को रोजाना नहीं लेना है। इसे महीने में एक बार ही लें।

लहसुन- जो लोग लहसुन खाते हैं वे रोज सुबह दो कलियाँ कच्ची चबा सकते हैं। यह गुनगुने पानी से लिया जा सकता है। अन्य चीजों की बजाय लहसुन से इम्यूनिटी ज्यादा बढ़ती है।

एलोवेरा- ये आसानी से उपलब्ध पौधा हैं। इसकी कैक्टस जैसी पतली और लंबी पत्तियों में सुगंध रहित जैल होता है। इस जैल को एक टी स्पून में पानी के साथ लेने से त्वचा के लिए बहुत अच्छा रहेगा, जोड़ों का दर्द दूर होगा और साथ ही इम्यूनिटी बढ़ेगी।

नीम- इसमें हवा को साफ करने का गुण होता है जिससे यह वायुजनित बीमारियों के लिए कारगर है, स्वाइन फ्लू के लिए भी। आप खून को साफ करने के लिए रोज 3-5 नीम की पत्तियाँ चबा सकते हैं।

विटामिन सी- खट्टे फल और विटामिन सी से भरपूर आंवला जूस आदि का सेवन करें। चूंकि आंवले का जूस हर महीने नहीं मिलता है (खास तौर पर चार महीने) ऐसे में आप पैक्ड आंवला जूस भी ले सकते हैं।

हाइजीन- अपने हाथों को रोजाना लगातार धोते रहें और साबुन लगाकर गरम पानी से 15-20 सेकण्ड्स के लिए धोये। खासतौर पर खाना खाने से पहले और किसी भी ऐसी चीज को छूने के बाद, जिसमे आपको लगता है कि यहाँ पर फ्लू के वायरस हो सकते हैं जैसे कि दरवाजे का हैंडल या बस, ट्रेन आदि में सफर के बाद हाथ जरूर धोएँ।
 

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