सर्दियों में इस वजह से बढ़ जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

सर्दियों में इस वजह से बढ़ जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-11 04:48 GMT
सर्दियों में इस वजह से बढ़ जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

डिजिटल डेस्क । आधी दुनिया जबरदस्त ठंड से जूझ रही है। रूस, चीन, जापान, भारत, पाकिस्तान, अमेरिका और बहुत से देश है जहां तापमान 5 डिग्री से माइनस में दर्ज किया जा रहा है। तेज ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े, हीटर,आग आदि सभी तरीके अपनाए जा रहे हैं, लेकिन भारत में हालात काफी खराब है। ये पहली बार नहीं जब देश के तेज ठंड पड़ रही है, बावजूद इसके उत्तर भारत में अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। दरसअल ठंड से बचने के लिए जो कोशिशे की जा रही हैं, वो नाकामयाब साबित हो रही है और ठंड की वजह से कई बीमीरियां लोगों की जान ले रही है। 

 

                                        

 

आपको बता दें कि, कड़ाके की ठंड में होने वाली मौतों की एक वजह ब्रेन स्ट्रोक भी है। ठंड के मौसम में हमारे शरीर में खून गाढ़ा हो जाता है। खून की पतली नलिकाएं संकरी हो जाती हैं, जिससे खून का दबाव बढ़ जाता है, जिसकी वजह से खून की धमनियों में क्लॉटिंग होने से स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है। विषेशज्ञों के मुताबिक इस मौसम में ब्रेन स्ट्रोक के मरीज दोगुने हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण और इससे बचने के तरीके।

 

                                   

 

ब्लड प्रेशर ज्यादा होने से आता है स्ट्रोक

ब्रेन स्ट्रोक की एक बड़ी वजह ब्लड प्रेशर है। ब्लड प्रेशर ज्यादा होने पर दिमाग की धमनी या तो फट सकती है या उसमें रुकावट पैदा हो सकती है। इसलिए सर्दी के मौसम में ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखना बेहद अहम है। ब्रेन स्ट्रोक आने के 3 घंटे के भीतर अगर मरीज को उपचार उपलब्ध करा दिया जाए तो मरीज की जान बच सकती है।

                                    

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण

- अचानक संवेदनशून्य हो जाना।

- शरीर के किसी भाग में कमजोरी आ जाना।

- समझने या बोलने में मुश्किल होना।

- आंखों की क्षमता प्रभावित होना।

- अचानक तेजी से सिरदर्द होना।

                                     

ब्रेन स्ट्रोक के उपाय 

- दिन भर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी या तरल पदार्थ पीते रहें।

- ठंड से खुद को बचाएं।

- शराब और धूम्रपान का सेवन कम कर दें।

                                   

किन लोगों को रहता है सबसे ज्यादा खतरा?

- टाइप-2 डायबीटीज से पीड़ित मरीज

- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज

- ऐसे लोग जो मोटापे से परेशान हैं

- धूम्रपान, शराब और गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने वाले लोग

- जिन लोगों में कलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा हुआ है

- ऐसा भोजन करें, जिसमें नमक, कलेस्ट्रॉल, ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट की मात्रा कम हो।

- अपनी डायट में एंटी-ऑक्सिडेंट, विटामिन ई, सी और ए से भरपूर खाने को शामिल करें।

- फाइबरयुक्त साबुत अनाज खाएं।

- अदरक का सेवन करें, क्योंकि इससे रक्त पतला रहता है।

- तैलीय मछलियां, अखरोट, सोयाबीन खाएं।

- जामुन, गाजर, टमाटर और हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं।

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