दिल्ली में लाखों इमारतों पर सीलिंग की तलवार लटकी
दिल्ली में लाखों इमारतों पर सीलिंग की तलवार लटकी
- इससे प्रभावित लोगों में चिंता और अनिश्चितता बनी हुई है
- दिल्ली में आवासीय इमारतों के अवैध रूप से कथित व्यावसायिक उपयोग किए जाने के कारण ऐसी लाखों इमारतों पर सीलिंग की तलवार लटक रही है
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त निगरानी समिति के आदेश पर सीलिंग अभियान से लाखों लोगों की जीविका जुड़े होने के कारण यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा सार्वजनिक जांच और प्रतिक्रिया के लिए मास्टर प्लान फॉर दिल्ली 2041 का अनावरण किए जाने के बाद उम्मीद है कि इससे परिसरों के व्यावसायिक उपयोग की तस्वीर कुछ साफ होगी।
दिल्ली में व्यापारियों ने हाल ही में सीलिंग अभियान को मनमाना बताते हुए इसके खिलाफ अभियान छेड़ा था।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने कथित रूप से एक बयान में कहा कि नियामक समिति मनमाने तरीके से काम कर रही है और केंद्र द्वारा दिल्ली के मास्टर प्लान के लिए किए गए संशोधनों को स्वीकार नहीं कर रही है।
सेव अवर सिटी अभियान के संयोजक राजीव ककरिया ने कहा, मास्टर प्लान 2021 में जमीन के मिश्रित उपयोग पर कुछ स्पष्ट नहीं है। इसके आने के बाद से सैकड़ों संशोधन हो चुके हैं, कई संशोधन, विशेष रूप से आवासीय परिसरों के व्यावसायिक उपयोग से संबंधित संशोधन अदालतों में लंबित हैं। तकनीकी रूप से इसका मतलब है कि अगर एमपीडी 2021 ऊपर से स्पष्ट नहीं है, तो डीडीए क्यों एक और मास्टर प्लान लाएगा।
दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने हाल ही में शीर्ष अदालत जाकर मास्टर प्लान 2021 के नियमों का पालन किए जाने का हवाला देकर अपनी कुछ संपत्तियों को छोड़ने की मांग की थी।
--आईएएनएस