सिजेरियन प्रसव मामलों पर WHO गंभीर, कहा- डॉक्टर बेवजह न करें ऑपरेशन

सिजेरियन प्रसव मामलों पर WHO गंभीर, कहा- डॉक्टर बेवजह न करें ऑपरेशन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-16 03:46 GMT
सिजेरियन प्रसव मामलों पर WHO गंभीर, कहा- डॉक्टर बेवजह न करें ऑपरेशन


 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीजेरियन सेक्शन से होने वाले प्रसव के बढ़ते मामलों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) गंभीर हो गया है। WHO ने प्रसव के लिए सिजेरियन सेक्शन अपनाने को खतरनाक बताते हुए गर्भावस्था और प्रसव के दौरान इलाज को लेकर नई अनुशंसाएं जारी की हैं। WHO ने साफ कर दिया है कि अगर गर्भवती महिला को कोई भी गंभीर समस्या नहीं है तो नॉर्मल डिलीवरी के जरिए प्रसव कराने होंगे। आपको बता दें 20 साल पहले तक सिर्फ गंभीर मामलों में प्रसव के लिए सिजेरियन सेक्शन का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब सिजेरियन सेक्शन या ऑक्सीटोसिन का चलन डॉक्टरों में काफी बढ़ गया है। 

 

ये भी पढ़ें-राजस्थान के मंत्री ने रोड पर की गंदी बात, कहा "कोई बड़ा मुद्दा नहीं"

 

ऑक्सीटोसिन और सिजेरियन सेक्शन से मां-बच्चे के स्वास्थ्य के साथ बच्चे के विकास पर भी असर पड़ता है। WHO की कोशिश है कि महिलाएं सुरक्षित माहौल में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की सहायता से बच्चे को जन्म दें। हालांकि, बच्चों के जन्म की सामान्य प्रक्रिया में बढ़ती चिकित्सकीय दखलअंदाजी जन्म देने की महिला की अपनी क्षमता को कमजोर कर रही है और महिला-बच्चे के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। WHO के मुताबिक अगर प्रसव सामान्य रफ्तार से हो रहा है और महिला का शरीर अच्छी अवस्था में है तो प्रसव की रफ्तार तेज करने के लिए अतिरिक्त चिकित्सकीय दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए।

 

 

 

मेडिकल ट्रीटमेंट्स भी पहुंचाते हैं महिला और शिशु को नुकसान !

बच्चे का जन्म एक शारीरिक प्रक्रिया है, जो कि ज्यादातर महिलाओं और बच्चों के मामले में बिना किसी जटिलता के हो सकता है। हालांकि, अध्ययन बताते हैं कि बड़ी संख्या में स्वस्थ गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था और प्रसव के दौरान कम से कम एक मेडिकल ट्रीटमेंट्स से गुजरना पड़ता है। कई बार तो उन्हें गैरजरूरी और नुकसान पहुंचा सकने वाले रूटीन चिकित्सकीय उपचारों से भी गुजरना पड़ता है। ये स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों को आर्थिक नुकसान भी पहुंचा रहा है।


 

Similar News