टीआरपी गेम जोन फायर मामला: गुजरात हाई कोर्ट ने राजकोट अग्निकांड पर लिया स्वत: संज्ञान, हादसे को बताया मानव निर्मित आपदा

गुजरात हाई कोर्ट ने राजकोट अग्निकांड पर लिया स्वत: संज्ञान, हादसे को बताया मानव निर्मित आपदा
  • राजकोट टीआरपी गेम जोन में शनिवार शाम को लगी भीषण आग
  • कोर्ट ने हादसे को बताया मानव निर्मित आपदा
  • हाई कोर्ट ने राजकोट अग्निकांड पर लिया स्वत: संज्ञान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात के राजकोट में मौजूद टीआरपी गेम जोन में शनिवार शाम को बड़ा हादसा हो गया था। जिसके चलते 27 लोगों की मौत हो गई। साथ ही, कई लोग घायल भी हो गए। जिनका ईलाज राजकोट के एम्स में जारी है। अब इस मामले पर हाई कोर्ट ने फायर सेफ्टी को लेकर नगर निगम से जवाब मांगा है। राजकोट अग्निकांड पर अदालत की विशेष पीठ ने रविवार को सुनवाई करते हुए कहा, 'यह मानव निर्मित आपदा है। अहमदाबाद में सिंधुभान रोड, सरदार पटेल रिंग रोड और एसजी हाईवे पर गेमिंग जोन सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं।'

राजकोट में हुए हादसे पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और खुद संज्ञान याचिका दायर की। कोर्ट ने पाया कि गेमिंग जोन के निर्माण और संचालन के लिए नियमित और उचित नियमों का पालन नहीं किया गया है। रविवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट सहित निगम से स्पष्टीकरण मांगा।

कोर्ट ने दिया निर्देश

कोर्ट ने कहा कि निगम को जानकारी देनी होगी कि किस कानून के तहत इस तरह के गेमिंग जोन को संचालित करने की अनुमति दी गई है। साथ ही, कोर्ट ने अगले एक दिन में रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है। कोर्ट ने अग्नि सुरक्षा नियमों के पालन करने के संबंध में जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 27 मई को होगी।

टीआरपी गेमिंग जोन में शनिवार को भीषण आग लगी। पूरा गेमिंग जोन ईंट कंक्रीट की बजाय टीन शीट से बना हुआ था। साथ ही, गेमिंग जोन के अंदर भारी मात्रा में लकड़ी के फर्नीचर के अलावा, लकड़ियों के अन्य समान मौजूद थे। इसके अलावा गेम जोन के अंदर टायर भी मौजूद थे।। करीब चार घंटे के बाद आग पर काबू पाया गाया। हादसे के बाद सरकार की ओर तरफ से मृतकों के परिजनों के लिए चार लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया है। वहीं, घायलों के लिए 50 हजार रुपये आर्थिक सहायता दी देने का ऐलान किया गया है।

Created On :   26 May 2024 11:15 AM GMT

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