भोजशाला सर्वे: हाई कोर्ट ने धार भोजशाला मामले में एएसआई सर्वे की सीमा 5 जुलाई तक बढ़ाई

  • हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं
  • शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड को अपवित्र करते हैं
  • हिंदू पक्ष ने इसे रोकने की मांग की

ANAND VANI
Update: 2024-04-29 12:54 GMT

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली।मध्यप्रदेश में धार भोजशाला विवादित मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने सर्वे की सीमा को 5 जुलाई तक बढ़ा दिया है।आपको बता दें पिछली सुनवाई में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने सर्वे के लिए 8 हफ्ते का समय मांगा था। लेकिन आज हुई सुनवाई में एएसआई ने कोर्ट में कहा विवादित परिसर की संरचनाओं के भागों की प्रकृति को समझने के लिए और अधिक समय लगेगा। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद हाई कोर्ट ने ASI को सर्वे के लिए 5 जुलाई तक का समय दिया है।

सोमवार को सुनवाई में हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की ओर से सीनियर एडवोकेट विष्णुशंकर जैन (नई दिल्ली) और विनय जोशी ने तर्क रखे। इस केस में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर धार के भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर में वैज्ञानिक छानबीन कर रहे हैं। इसके पूर्व हाई कोर्ट ने 11 मार्च को एएसआई को 6 हफ्ते में भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया था। इसके बाद एएसआई ने 22 मार्च से इस विवादित परिसर का सर्वेक्षण शुरू किया था, जो चल रहा है।

याचिका लगाने की वजह

1 मई 2022 को हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने इंदौर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड को अपवित्र कर देते हैं। इसे रोका जाए।

भोजशाला का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौंपा जाए। इसके लिए आवश्यक हो तो संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और खुदाई करवाई जाए। हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं के आधार पर एएसआई की टीम सर्वे कर रही है लेकिन इसके लिए अभी और समय की मांग की गई है।

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