ये कैसी खाकी?: मणिपुर में पुलिसकर्मियों ने ही कुकी-जोमी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ के हवाले किया

  • जुलाई में वीडियो हुआ था वायरल
  • महिलाएं भीड़ से बचने के लिए जंगल में भागीं
  • पुलिस ने कोई मदद नहीं की

ANAND VANI
Update: 2024-05-01 03:40 GMT

डिजिटल डेस्कक, इम्फाल।मणिपुर में महिलाओं के निर्वस्त्र घुमाने वाले मामले में सीबीआई के आरोपपत्र में बड़ा खुलासा हुआ है।खबरों के मुताबिक सीबीआई की ओर से पेश किए आरोपपत्र में ये बात सामने आई है कि मणिपुर पुलिसकर्मियों ने हिंसा के बीच में कुकी-जोमी समुदाय की दो महिलाओं को  कथित तौर पर उस भीड़ के हवाले कर दिया था जिसने उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाया था।आपको बता दें मणिपुर में पिछले साल चार मई की घटना के लगभग दो महीने बाद जुलाई में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें पुरुषों की भीड़ में दो महिलाएं घिरी हुई हैं और भीड़ महिलाओं को निर्वस्त्र घुमा रही है।

सीबीआई आरोपपत्र के अनुसार कांगपोकपी जिले में कुकी समुदाय की पीड़ित महिलाओं ने पुलिसकर्मियों से शरण मांगी थी, लेकिन उन्होंने दोनों महिलाओं को भीड़ को सौंप दिया। जातीय दंगाईयों की इस भीड़ में करीब 1000 मैतई लोग शामिल थे। इस भीड़ ने दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया था। आरोप पत्र में बताया गया है कि भीड़ अत्याधुनिक हथियारों से लैस थी। करीब हजार लोगों की भीड़ से बचने के लिए दोनों महिलाएं भाग रही थीं। इसमें कहा गया है कि एक भीड़ सैकुल थाने से लगभग 68 किमी दक्षिण में कांगपोकपी जिले में उनके गांव में जबरदस्ती घुस गई थी।

दोनों महिलाएं पुलिस वाहन में घुस गई, जिसमें दो पुलिसकर्मी और चालक पहले से बैठे थे, जबकि तीन-चार पुलिसकर्मी वाहन के बाहर थे। पीड़ितों में शामिल एक पुरुष भी पुलिस वाहन के अंदर घुस गया। काफी मिन्नतें और विनती करने के बाद भी पुसिसकर्मियों ने कोई मदद नहीं की। आरोपपत्र में बताया गया है कि पीड़ित महिलाओं में से एक महिला करगिल युद्ध में शामिल सैनिक की पत्नी थी। महिलाओं ने पुलिसकर्मियों से उन्हें वाहन से सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए कहा था, लेकिन पुलिसकर्मियों ने बहाना बनाकर कोई सहायता नहीं की। भीड़ से बचने के लिए महिलाएं अन्य पीड़ितों के साथ जंगल में भाग गईं, लेकिन दंगाइयों ने उन्हें देख लिया।

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