ड्रैगन को मात: लद्दाख सीमा पर चीन के खिलाफ भारत की मजबूत चाल, एयरबेस से सरहद को किया महफूज

  • भारत ने लद्दाख में तैयार करने जा रहा दूसरा हवाई अड्डा
  • एयरबेस के जरिए भारत चीन की सीमा के पास मजूबत करेगा स्थिति
  • भारतीय सैन्य बल को मिलेगी राहत

Dablu Kumar
Update: 2024-02-10 12:53 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत चीन की सीमा रेखा के पास अपनी सैन्य ताकत को मजूबत करने में जुटा हुआ है। इस बीच केंद्र सरकार ने लद्दाख में चीन से सटी वास्तविक नियत्रंण रेखा (LAC) के करीब नुब्रा क्षेत्र में थोइश एयरबेस पर एक नए नागरिक टर्मिनल भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ है। भारत सरकार की कोशिश है कि इन क्षेत्रों में कार्य को बढ़ावा देकर चीन पर दबाव बनाया जा सके।

भारत की रणनीति

पिछले तीन सालों से इस क्षेत्र में भारत और चीन के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है। साथ ही, दोनों देशों की ओर से सीमा अतिक्रमण के आरोप लगाए जा रहे हैं। थोइज एक सैन्य एयरबेस है। जिसका उपयोग भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किया जा रहा है। हालांकि, अब भारत सरकार की कोशिश है कि यहां से अधिक से अधिक यात्रियों को भी रनवे से सेवा मिल सके। हाल ही में लेह से कुछ नागरिक उड़ाने देखी गई हैं। न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार के दिन थोइज में एक एकीकृत यात्री टर्मिनल को लेकर चर्चा हुई। एक सलाहकार ने यात्री टर्मिनल निर्माण के लिए बोलियां आमंत्रित भी की है।

नागरिक उड़ानों पर जोर

थोइज एयरबेस पर टर्मिनल भवन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह लद्दाख का दूसरा नागरिक हवाई अड्डा बन जाएगा। थोइज एयरबेस की लागत 130 करोड़ रुपये अनुमान लगाया जा रहा है। न्यूज 18 के मुताबिक, यह एयरबेस 5,300 वर्गमीटर क्षेत्र के साथ एक केंद्रीय वातानुकूलित घरेलू यात्रा टर्मिनल भवन बन सकता है।

थोइज एयरबेस के लिए भारत सरकार ने 28 कनाल भूमि की मंजूरी दी है। जिसमें नागरिक उड़ानों के लिए टर्मिनल के अलावा अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण किया जाएगा। ताकि, लोगों को यहां पर बेहतर सुख सुविधाएं मिल सकें। साथ ही, भारत सरकार की कोशिश है कि यहां पर स्थानीय लोगों को भी थोइज एयरबेस से रोजगार मिल सके। इस क्षेत्र में लंबे समय से एक नागरिक हवाई अड्डे की मांग थी।

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