सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए भूमि के हस्तांतरण को मिली मंजूरी

जम्मू-कश्मीर सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए भूमि के हस्तांतरण को मिली मंजूरी

IANS News
Update: 2022-02-23 17:30 GMT
सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए भूमि के हस्तांतरण को मिली मंजूरी
हाईलाइट
  • सुरक्षा संबंधी घटनाओं पर नजर

डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक परिषद की बुधवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए जमीन के विभिन्न हिस्सों को हस्तांतरित करने के राजस्व विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। प्रशासनिक परिषद ने जिला कुलगाम जिले के फिरसल गांव में नए राजकीय डिग्री कॉलेज के निर्माण के लिए उच्च शिक्षा विभाग के पक्ष में 63 कनाल चार मरला की भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति दी।

इस निर्णय का उद्देश्य क्षेत्र के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करना और विभिन्न भर्ती एजेंसियों के माध्यम से शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के रोजगार को बढ़ावा देना है। साथ ही जिला पुलवामा के जवाहरपोरा में स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के लिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के पक्ष में दो कनाल और पांच मरला की भूमि के हस्तांतरण को भी स्वीकृति दी गई। एक बार पूरा हो जाने के बाद संस्था क्षेत्र के लोगों को आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं देगी।

प्रशासनिक परिषद ने जिला पुलवामा जिले के मलावारी में नेवा में पुलिस चौकी के निर्माण के लिए राजस्व विभाग के पक्ष में पांच कनाल भूमि के हस्तांतरण को भी मंजूरी दी। स्थानीय क्षेत्र में नई पुलिस चौकी अवैध गतिविधियों, सुरक्षा संबंधी घटनाओं पर नजर रखेगी और पुलिस को किसी भी कानून-व्यवस्था की स्थिति और प्राकृतिक आपदा का समय पर जवाब देने की अनुमति देगी।

ग्राम डंब्रा, तहसील महानपुर, जिला कठुआ में स्थित 148 कनाल भूमि का एक अन्य पार्सल जिला में उच्च सुरक्षा कारागार के निर्माण के लिए कारा विभाग के पक्ष में स्थानांतरित किया गया था, साथ ही गांव दाम्ब्रा में स्थित 160 कनाल चार मरला की राज्य भूमि के हस्तांतरण के साथ, उच्च सुरक्षा कारागार के लिए प्रस्तावित भूमि के एवज में तहसील महानपुर, जिला कठुआ को शामलत देह (महफूज कहचराई) के रूप में स्थान दिया गया है। देशद्रोही और अपराधियों को ठिकाने लगाने के लिए उच्च सुरक्षा जेल के निर्माण का उद्देश्य क्षेत्र की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है।

 

(आईएएनएस)

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