स्वामी ने वापस लिया ‘गोरक्षा बिल’, गोहत्या पर मांगी थी फांसी की सजा

स्वामी ने वापस लिया ‘गोरक्षा बिल’, गोहत्या पर मांगी थी फांसी की सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-02 12:36 GMT
स्वामी ने वापस लिया ‘गोरक्षा बिल’, गोहत्या पर मांगी थी फांसी की सजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को राज्यसभा में गोरक्षा बिल पेश करने के कुछ देर बाद ही इसे वापस ले लिया है। इस बिल को पेश करते हुए स्वामी ने गोहत्या के दोषियों के लिए फांसी की सजा देने की मांग की थी। बिल को वापस लेते हुए स्वामी ने कहा कि वह इस मसले पर पहले सरकार से बात करेंगे और फिर कोई समाधान निकालेंगे।

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को राज्यसभा में गाय संरक्षण बिल 2017 पेश किया। बिल पेश करते हुए स्वामी ने गोहत्या के दोषियों के लिए फांसी की सजा देने की मांग की। इसके लिए उन्होंने बहादुर शाह जफर के काल का उदाहरण भी दिया।

राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सदन में बिल पेश करते हुए कहा कि ब्रिटिश काल आने के बाद ही भारत देश में गो-हत्या का चलन बढ़ा है। इससे पहले गोहत्या को गलत ही माना जाता रहा है। उन्होंने मुगल काल का उदाहरण देते हुए कहा कि बहादुर शाह जफर ने भी अपने काल में गो-हत्या पर प्रतिबंध लगाया था। अब हमें इस समय भी गोहत्या बिल पास करते हुए मजबूत कानून बनाना चाहिए।

स्वामी ने बताया वैज्ञानिक कारण
स्वामी ने सदन में अपना गोहत्या बिल पेश करते हुए इसके लिए एक नहीं कई वैज्ञानिक कारण भी बताए हैं। उन्होंने बताया कि आधुनिक विज्ञान में यह बात साबित हो चुकी है कि गाय से मिलने वाले उत्पादों के कई वैज्ञानिक पहलू हैं। उन्होंने कहा कि गौमूत्र का इस्तेमाल दवा बनाने में होता है। अमेरिका ने इसके लिए पेटेंट भी हासिल कर लिया है, जबकि हमारे ऋषिमुनियों ने हजारों साल पहले ही इस बारे में बताया था।

इससे पहले बिल पेश करते हुए स्वामी ने गौशाला स्थापना करने की भी वकालत की थी। उन्होंने कहा कि हमें हरेक गांव में गौशाला की स्थापना करनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि चूंकि गोमांस निर्यात की अत्यधिक मांग है, इसलिए इस धंधे में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

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