लगातार बढ़ रहे हैं कुत्तों के काटने के मामले, इन राज्यों में तेजी से बढ़ी आवारा कुत्तों के संख्या, जानिए आपके राज्य में क्या है आंकड़ा?
कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहे हैं कुत्तों के काटने के मामले, इन राज्यों में तेजी से बढ़ी आवारा कुत्तों के संख्या, जानिए आपके राज्य में क्या है आंकड़ा?
- हर साल 20 हजार लोगों की मौत रेबीज के चलते होती है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कुत्तों के मसले पर 12 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने पशु कल्याण बोर्ड से पिछले 7 वर्षों के कुत्तों के आतंक से परेशान राज्य और प्रमुख शहरों के आंकड़े और इन घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए क्या उपाय किए गए है, उनकी जानकारी मांगी थी। जारी किए गए आकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में प्रतिदिन कुत्तों के अलावा अन्य दूसरे जानवर 19,938 लोगों को काट रहे हैं। रेबीज के बढ़ते मामलों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में कहा गया है कि 99 फीसदी लोग कुत्तों के काटने से रेबीज के संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की भारत के बारे रिपोर्ट कहती है कि प्रत्येक वर्ष 20 हजार लोगों की मौत रेबीज के संक्रमण की वजह से हो जाती हैं। जो कि काफी चिंताजनक है।
हाल के दिनों में हुई कुत्तों के आतंक की घटनाएं
घटना 18 अक्टूबर की है जब नोएडा के सेक्टर- 100 में एक बच्चे की मौत कुत्ते के काटने से हो गई थी। जानकारी के मुताबिक, लोटस बुलेवर्ड सोसायटी में एक आवारा कुत्ते ने 7 माह के बच्चे को काट कर गंभीर रुप से घायल कर दिया। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर जब आस-पास के लोग वहां पहुंचे तो तब तक बच्चा बुरी तरह से घायल हो गया था। इसके बाद बच्चे को तुरंत सेक्टर-110 के यथार्थ अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई ।
इसके अलावा 12 अक्टूबर को भी नोएडा के सेक्टर-23 में 11 साल के मासूम बच्चे को विदेशी कुत्ते ने बुरी तरह काट कर जख्मी कर दिया। बच्चे को अस्पताल में 200 टांके लगाने पड़े। हाल ही के कुछ दिनों में कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इन मामलों के अलावा सोशल मीडिया पर भी आए दिन कुत्तों के काटने के वीडियो वायरल होते रहते हैं। लोगों को अवारों कुत्तों के साथ पालतू कुत्ते भी काट रहे हैं।
क्यों बढ़ रहे कुत्ते के काटने के मामले?
नोएडा के एक शेल्टर में काम करने वाले विशाल त्यागी बताते है कि आजकल लोग अपने घरों में बड़े ही शौक से कुत्तें पाल रहे हैं। साथ ही जो व्यक्ति जानवरों से प्यार करते है, वह भी अवारा जानवरों को खाने-पीने की चीजें उपलब्ध कराते है। लेकिन अब अवारा कुत्तों की संख्या काफी अधिक हो गई है जिससे रात के समय कुत्ते लोगों पर हमले भी कर रहे है। लोगों को रात के समय घर से बाहर जाने में भी डर लगने लगा है खासकर बच्चों और बुर्जुगों को।
डाक्टर अरुण ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए बताया है कि अब तो इस प्रकार की घटनाएं भी देखने को मिल रही है। जहां पर कुत्तों के मालिकों पर ही उसके पालतु कुत्ते हमला कर रहे है। उन्होंने इसका कारण स्पष्ट करते हुए बताया कि जैसे आप अपने परिवार में एक कुत्ते को पालने के लिए लाते है, तो उसे ठीक से ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। लेकिन हम अक्सर ऐसा नहीं करते है। इसी वजह से कुत्ते आक्रामक हो जाते है। इसके अलावा मौसम भी कुत्तों के हमलावर होने का कारण बन जाता है। जैसे कुछ ब्रीड कुत्तों को ठंड के मौसम में ही अच्छे से रह सकते है लेकिन आजकल लोग दिल्ली एनसीआर में इन कुत्तों को पाल रहे जिससे इन कुत्तों को गर्मी सहन नहीं होने से कुत्तों में आक्रमकता आ जाती है।
कुत्तों के काटने से इस बीमारी का खतरा बढ़ा
डाक्टर अवतार सिंह कहते है कुत्तों के काटने से लोगों को रेबीज के अलावा जूनोटिक बीमारी होने का खतरा भी होता है। रेबीज का लासा वायरस कुत्ता, बिल्ली व बंदरों में पाया जाता है। इन जानवरों के काटने से इंसानों के शरीर में लार पहुचंने से रेबीज का संक्रमण हो जाता है। लोग मानते है कि अगर पालतु जानवर काट ले तो उससे खतरा नहीं होता है। जबकि यह भ्रम है कुत्ते के काटने पर लापरवाही नहीं करनी चाहिए। कुत्ते के काटने पर उचित इलाज करवाना चाहिए।
जानें आवारा कुत्तों की संख्या?
लोकसभा में 2 अगस्त को मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने अपने बयान में बताया कि साल 2019 में भारत में आवारा कुत्तों की संख्या 1.53 करोड़ थी जबकि वर्ष 2012 में कुत्तों के संख्या 1.71 करोड़ थी। गौरतलब है कि एक तरफ तो कुत्तों के हमले लोगों पर बढ़ रहे है तो वहीं दूसरी तरफ कुत्तों की संख्या में लगातार गिरावट भी दर्ज की जा रही है।
कुत्तों की संख्या में अग्रणी राज्य है यूपी
आंकड़ों के अनुसार, यूपी में वर्ष 2012 में कुत्तों की कुल संख्या 41.79 लाख थी जो 2019 में घटकर 20.59 लाख रह गई थी । देश के 17 राज्यों में एक लाख से ज्यादा कुत्ते है। 17 राज्यों में से सबसे अधिक कुत्ते यूपी में है। इसके बाद राजस्थान, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश का नंबर आता है। वहीं मणिपुर, दादर व नगर हवेली और लक्षद्वीप में एक भी कुत्ता नहीं है।
इन राज्यों में अधिक हुई कुत्तों की संख्या
पूरे में देश के आंकड़े मिलाकर भले ही कुत्तों की संख्या गिर रही हो लेकिन पिछले कुछ सालों में कुछ राज्यों में कुत्तों की संख्या में बढ़ोत्तरी भी हुई है। कर्नाटक राज्य में आवारा कुत्तों की आबादी 2.6 लाख बढ़ गई है। राजस्थान में 1.25 लाख कुत्ते बढ़ गए है। इसके अलावा ओडिशा में 87 हजार, गुजरात में 85 हजार, महाराष्ट्र में 60 हजार, छत्तीसगढ़ में 51 हजार, हरियाणा में 42 हजार, केरल में कुत्तों की संख्या में 21 हजार की बढ़ोत्तरी हुई, जबकि जम्मू और कश्मीर में 38 हजार की वृद्धि हुई है।