चीन की चाल ध्वस्त, प्रधानमंत्री मोदी के एक कदम से पस्त हुआ ड्रैगन

बुद्ध जयंती चीन की चाल ध्वस्त, प्रधानमंत्री मोदी के एक कदम से पस्त हुआ ड्रैगन

ANAND VANI
Update: 2022-05-10 05:57 GMT
चीन की चाल ध्वस्त, प्रधानमंत्री मोदी के एक कदम से पस्त हुआ ड्रैगन
हाईलाइट
  • लुंबिनी जाने की पीएम प्लानिंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों ही इशारों में चीन को बड़ा झटका दिया है। पीएम मोदी के चीन के बनाए एयरपोर्ट पर नहीं उतरने से नेपाल में विवादों की जंग छिड़ गई है। पीएम मोदी भैरवा एयरपोर्ट पर न उतरकर सीधे लुंबिनी जाएगे, जिसे काठमांडू पोस्‍ट की एक रिपोर्ट में  राजनयिक असफलता के तौर पर माना जा रहा है।

आपको बता दें  बुद्ध जयंती के मौके पर पीएम मोदी की बुद्ध जन्मस्थान लुंबिनी जाने की प्लानिंग है।  नेपाल  जा रहे पीएम ने इसके लिए भैरवा एयरपोर्ट पर नहीं जाएंगे, इसके पीछे की वजह भैरवा एयरपोर्ट को ही बताया जा रहा है क्योंकि भैरवा एयरपोर्ट को चीन के द्वारा बनाया गया है,जो कि लुंबिनी से करीब 18 किलोमीटर की दूरी पर है।

सबसे बड़ी दिलचस्प बात ये है कि जब पीएम मोदी लुंबिनी जाएंगे तब नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देऊबा चीन निर्मित भैरवा एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। इस मुद्दे से नेपाल में राजनयिक विवाद छिड़ गया साथ ही पीएम मोदी के इस कदम को ड्रैगन चीन के लिए चुनौती माना जा रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एयरपोर्ट  उद्घाटन के दौरान कई चीनी अधिकारियों की मौजूदगी के चलते  पीएम मोदी ने एयरपोर्ट से किनारा कर लिया। पीएम मोदी और देऊबा एक बौद्ध विहार की आधारशिला भी रखेंगे।

बताया जाता है कि दुनियाभर में अरबों लोग बुद्ध के अनुयायी है जिन पर नेपाल और भारत दोनों ही नजर बैठाए हुए है। आपको बता दें भारत और नेपाल दोनों देशों की ओर से  कभी भी बुद्ध सर्किट को बढ़ावा देने की बात नहीं की गई है। भारत ने जब बुद्ध सर्किट बनाने के लिए अरबों डॉलर खर्च करने की योजना बनाई उसी दौरान नेपाल चीन की शरण चला गया, और चीन को भैरवा एयरपोर्ट बनाने पर सहमति दर्ज की, जो कि भारतीय वायुसेना के गोरखपुर एयरबेस के नजदीक ही है।  भारत ने चीन को टक्‍कर देने के लिए  गोरखपुर एयरबेस को तैयार किया है

 

भैरवा अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट

भारतीय सीमा के नजदीक चीन निर्मित इस एयरपोर्ट को बनाने में ड्रेगन को करीब दस साल लगे और 40 अरब नेपाली रूपए खर्च हुए थे। बताया जाता है कि भैरवा एयरपोर्ट हर साल दस लाख यात्रियों को संभालने की कैपेसिटी रखता है, क्षमता के तौर पर भले ही बड़ी संख्या को संभालता है लेकिन अभी तक अपनी पहचान और मार्केटिंग नहीं बना सका है, जिसके कारण अब इसे भूतिया एयरपोर्ट भी कहा जाता है।

 

 

 

 

 

Tags:    

Similar News