पीएम मोदी और सीएम योगी को दी गाली, बीजेपी विधायक के बेटे पर FIR

पीएम मोदी और सीएम योगी को दी गाली, बीजेपी विधायक के बेटे पर FIR

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-05 16:45 GMT
पीएम मोदी और सीएम योगी को दी गाली, बीजेपी विधायक के बेटे पर FIR
हाईलाइट
  • FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
  • इस ऑडियो में दीपक पीएम मोदी और सीएम योगी को गाली देता हुआ सुनाई पड़ रहा है।
  • बीजेपी विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी के बेटे दीपक त्रिपाठी की एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है।

डिजिटल डेस्क, वाराणसी। भदोही के बीजेपी विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी के बेटे दीपक त्रिपाठी का एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस क्लिप में दीपक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को गाली देते हुए सुनाई पड़ रहा है। अपशब्दों का प्रयोग करने के आरोप में उसके खिलाफ वाराणसी में एक FIR दर्ज की गई है। FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले इतेंद्र चौबे ने यूपी के लंका थाने में दीपक के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। इतेंद्र ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई है। यह क्लिप भदोही से बीजेपी विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी के पुत्र दीपक त्रिपाठी की है। इस क्लिप में पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ गाली का प्रयोग किया गया है।

इतेंद्र ने कहा कि इस क्लिप के द्वारा समाज में माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस ऑडियो क्लिप में वाराणसी के एसएसपी और डीएम के खिलाफ भी अपशब्‍द प्रयोग किए गए हैं। इतना ही नहीं इस क्लिप में किसी को मारने की धमकी भी दी जा रही है। वहीं लंका के थाना प्रभारी भारत भूषण तिवारी ने बताया, "हमने दीपक के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। पुलिस फिलहाल इस मामले की जांच कर रही है।"

वहीं विधायक रविंद्र त्रिपाठी ने वायरल हुए ऑडियो को फर्जी बताया। रविंद्र ने कहा कि उनके बेटे को फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी द्वारा दीपक की आवाज का इस्‍तेमाल कर यह ऑडियो बनाया गया है। बता दें कि पिछले महीने चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बीजेपी विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी के खिलाफ फर्जीवाड़े के आरोप में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। विधायक पर आरोप था कि उन्होंने जमीन का फर्जी पेपर तैयार कर कन्या विद्यालय के लिए यूपी सरकार से 20 लाख रुपए का फर्जी मदद लिया था, जबकि वह जमीन उनके नाम थी ही नहीं।

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