बिहार में गंगा उफान पर, कई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा

बिहार में गंगा उफान पर, कई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा

IANS News
Update: 2019-09-20 09:54 GMT
बिहार में गंगा उफान पर, कई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा

पटना, 20 सितम्बर (आईएएनएस)। बिहार में एकबार फिर बाढ़ की स्थिति बन गई है। यहां गंगा सहित कई प्रमुख नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद पटना के कई इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। पटना में गंगा नदी अपने किनारों को छोडकर गांवों की ओर बढ़ रही है। शुक्रवार को भी गंगा, गंडक और बागमती कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी गुरुवार शाम पटना में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने पहुंचे। मुख्यमंत्री शुक्रवार को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।

बिहार में गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण पटना और इसके आसपास के इलाकों में भी पानी प्रवेश कर गया है। गंगा के उफान के कारण बक्सर, भागलपुर और मुंगेर में भी बाढ़ का पानी गांवों में प्रवेश करने लगा है।

पटना के बख्तियारपुर में दियारा क्षेत्र जलमग्न हो गया। इन इलाकों में लगी सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो गई। प्रखंड की काला दियारा, रूपस-मरुआही, चिरैया, हरदासपुर और सतभैया रामनगर पंचायतों के गांव के निचले इलाकों में गंगा का पानी घुस जाने से लोग पालतू पशुओं के साथ ऊंचे स्थान पर जाने को विवश हैं।

इधर, जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया, राज्य में अधिकांश नदियां उफान पर हैं। गंगा नदी बिहार में बक्सर, पटना के दीघाघाट, गांधीघाट, हाथीदह और भागलपुर जिला के कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बागमती नदी ढेंग और बेनीबद में खतरे के निशान को पार कर चुकी है जबकि बूढी गंडक खगड़िया में तथा कमला बलान नदी मधुबनी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पटना में गंगा नदी में बढ़े जल स्तर का जायजा लिया।

दीघा घाट से एनआइटी घाट तक मुआयना करने पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा, गंगा उफान पर है परंतु, वर्ष 2016 में आई बाढ़ जैसी स्थिति नहीं हुई है। कोई नहीं जानता की कल क्या होगा, सचेत रहने की जरूरत है।

उन्होंने दावा किया कि सरकार की तरफ से किसी तरह की स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी है। उन्होंने कहा कि वे खुद शुक्रवार को बक्सर और पटना के बीच हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे।

उन्होंने जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग के अलावा सभी संबंधित जिलों के जिलाधिकारी को सचेत रहने को कहा है।

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