अमेरिकी टेक्नोलॉजी से भारत बनाएगा GE-414 सैन्य जेट का इंजन, वायु सेना की ताकत होगी दुगनी, गरज सुन दुश्मन देश कांपेंगे थर-थर

आत्मनिर्भर भारत अमेरिकी टेक्नोलॉजी से भारत बनाएगा GE-414 सैन्य जेट का इंजन, वायु सेना की ताकत होगी दुगनी, गरज सुन दुश्मन देश कांपेंगे थर-थर

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Update: 2023-02-01 08:57 GMT
अमेरिकी टेक्नोलॉजी से भारत बनाएगा GE-414 सैन्य जेट का इंजन, वायु सेना की ताकत होगी दुगनी, गरज सुन दुश्मन देश कांपेंगे थर-थर
हाईलाइट
  • डोभाल के आदेश पर मुलाकात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत रक्षा के क्षेत्र में काफी अभूतपूर्व कार्य कर रहा है। देश अब दूसरे देशों पर निर्भर न हो कर स्वदेश में ही निर्माण करने का काम कर रहा है। भारत रक्षा के क्षेत्र में अधिकांश रूस पर ही निर्भर रहता है। लेकिन आज का भारत अन्य देशों पर विश्वास न करके खुद ही रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर एक कदम बढ़ा चुका है। इसी कड़ी में भारत ने एक अहम फैसला लिया है। भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में कई मुद्दों को लेकर सहमति बन गई है। दरअसल, अमेरिका के GE-414 सैन्य जैट का इंजन भारत में ही निर्माण होगा। जिसकी अमेरिका ने भी इजाजत दे दी है। जिसका निर्माण साल 2024 के शुरुआती महीने में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी करने वाली है।

एनएसए की निगरानी में हुआ अहम फैसला

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, GE-414 इंजन का निर्माण कुछ शर्तों के तहत किया जाएगा। जिसके निर्माण में 100 फीसदी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का उपयोग होने वाला है। दरअसल, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल अमेरिकी दौरे पर गए हुए थे। जहां पर उन्होंने अमेरिका के एनएसए जेक सुलिवन के साथ "क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज" पर द्विपक्षीय वार्ता की थी। इन दोनों के अलावा रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार सतीश रेड्डी, डीआरडीओ प्रमुख वी कामत और प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार अजय सूद भी बैठक में मौजूद रहे।

डोभाल के आदेश पर मुलाकात

सबसे पहले GE-414 इंजनों के निर्माण के लिए एनएसए अजित डोभाल ने डीआरडीओ के प्रमुख सतीश रेड्डी से बातचीत की थी। जिसके बाद रेड्डी साल 2022 के मई महिने में अमेरिकी दौरे पर गए हुए थे। जहां पर उन्होंने अनुसंधान और इंजीनियरिंग के लिए अमेरिकी अंडर सेक्रेटरी सचिव हेइडी श्यू और उनके सहयोगी टेरी एम्मर्ट से मुलाकात की थी। तभी से चर्चा में आने लगा था कि भारत GE-414 सैन्य जैट इंजनों का निर्माण स्वदेश में कर सकता है। जो अब सच साबित होने जा रहा है।

कई टन गोला-बारूद ले जाने में सक्षम

GE-414,  4+ जनरेशन का सैन्य जैट है। जो LCA तेजस मार्क I विमान को शक्ति देगा। वहीं GE-414 इंजन 4.5 जनरेशन के मार्क II तेजस को भी शक्ति देने वाला है। जो एक समय में 6.5 टन मिसाइल और गोला-बारूद ले जाने में सक्षम है। भारत सरकार वायु सेना की शाक्ति को और बढ़ावा देने के लिए मार्क II विमान के 6 से अधिक स्क्वाड्रन का निर्माण करने की योजना बना रही है। यहां तक की अगर कोई देश इसे खरीदने में अपनी दिलचस्पी दिखाता है तो भारत सरकार इसे एक्सपोर्ट भी करेगी।

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