Sedition Case: दिल्ली सरकार ने राजद्रोह का केस चलाने की मंजूरी दी, कन्हैया बोले- फास्ट ट्रैक कोर्ट हो सुनवाई, ताकि सच सामने आए

Sedition Case: दिल्ली सरकार ने राजद्रोह का केस चलाने की मंजूरी दी, कन्हैया बोले- फास्ट ट्रैक कोर्ट हो सुनवाई, ताकि सच सामने आए

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-28 17:23 GMT
हाईलाइट
  • फरवरी 2016 में जेएनयू में लगाए थे देश विरोधी नारे
  • मामले में तीन अप्रैल को सुनवाई करेगी अदालत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार सहित दो अन्य पूर्व छात्रों पर 2016 में भारत विरोधी नारे लगाने के मामले में देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति दिल्ली पुलिस को मिल गई है। शुक्रवार को दिल्ली की केजरीवाल सरकार के अभियोजन विभाग ने मामले में सुनवाई के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

कन्हैया बोले- फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो सुनवाई ताकि देश को सच पता चले 
वहीं कन्हैया कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने खिलाफ राजद्रोह का केस चलाने की मंजूरी देने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार को शुक्रिया कहा है। साथ ही मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की मांग की है। सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने ट्वीट किया कि राजद्रोह केस में फास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरूरत इसलिए है, ताकि देश को पता चल सके कि कैसे राजद्रोह कानून का दुरुपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है।

 

 

बता दें कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) ने 19 फरवरी को दिल्ली के गृह सचिव को पत्र लिखकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार से जुड़े जेएनयू देशद्रोह मामले में मंजूरी देने की प्रक्रिया को तेज करने का अनुरोध किया था। इसके लिए स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने पत्र लिखकर मुकदमा चलाए जाने के लिए प्रक्रिया को तेज करने का अनुरोध किया था। दिल्ली की एक अदालत ने छात्र नेता कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार से जेएनयू देशद्रोह मामले में मंजूरी से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।

 

 

मामले में तीन अप्रैल को सुनवाई करेगी अदालत
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने भी दिल्ली पुलिस को सरकार को एक अनुस्मारक (रिमाइंडर/याद दिलाना) भेजने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश ने कहा कि नई सरकार का गठन किया गया है, एक अनुस्मारक भेजें। अदालत अब इस मामले में तीन अप्रैल को सुनवाई करेगी।

सरकारी वकील ने जवाब दाखिल किया
सुनवाई की पिछली तारीख को अरविंद केजरीवाल सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि अभी तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसके अलावा यह भी कहा गया कि फाइल दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के समक्ष लंबित है, जो गृह मंत्रालय का कार्यभार भी संभाल रहे हैं। सरकारी वकील ने अदालत में एक पत्र प्रस्तुत करके जवाब दाखिल किया है।

फरवरी 2016 में जेएनयू में लगाए थे देश विरोधी नारे
उल्लेखनीय है कि नौ फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और मकबूल बट को दी गई फांसी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। इस मामले में कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बान को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने देश विरोधी नारेबाजी का समर्थन किया था। कन्हैया उस वक्त जेएनयूएसयू के अध्यक्ष थे। इस गिरफ्तारी के खिलाफ देशभर में अलग-अलग विश्वविद्यालय परिसरों में विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला था। हालांकि, बाद में तीनों को जमानत दे दी गई थी। 

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