कावेरी बोर्ड के गठन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी कर्नाटक सरकार

कावेरी बोर्ड के गठन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी कर्नाटक सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-30 15:35 GMT
कावेरी बोर्ड के गठन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी कर्नाटक सरकार

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार की ओर से जल्दबाजी में राज्य सरकार से विचार-विमर्श किये बगैर कावेरी नदी प्राधिकरण और कावेरी जल नियमन समिति के गठन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। केंद्र ने हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही कावेरी नदी प्राधिकरण और समिति गठन का निर्णय लिया है।

भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के नेताओं की सर्वदलीय बैठक के बाद कर्नाटक सरकार के जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार से राय मशविरा किए बिना केंद्र सरकार द्वारा इन दोनों संस्थाओं के गठन के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।

 

 

शिवकुमार ने कहा, “हमने केंद्र सरकार के इस कदम के खिलाफ अपील करने का निर्णय लिया है। इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की जानी थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कर्नाटक सरकार इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने से पहले से ही इस पर चर्चा करना चाहती थी, इससे पहले ही केंद्र ने इन दो संस्थाओं के गठन की राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी।”

मामले में डी के शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार से कावेरी क्षेत्र के किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक बैठक बुलाने की अपील की थी लेकिन यह भी नहीं किया गया। उन्होंने कहा, “अब किसानों के हितों की रक्षा के लिए लोकसभा और राज्यसभा के 40 सांसद इस मुद्दे को संसद के भीतर और बाहर उठाएंगे।”

शनिवार को सीएम एचडी कुमारस्वामी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक करीब दो घंटे तक चली। बैठक में सर्वसम्मति से केंद्र सरकार के बिना राज्य को विश्वास में लिए कावेरी बोर्ड गठित करने के फैसले पर कानूनी और संसदीय लड़ाई लडऩे का फैसला लिया गया।

कुमारस्वामी ने बैठक खत्म होने के बाद कहा, "इस बारे सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया और राज्य सरकार इस बारे में कानूनी लड़ाई लड़ेगी। राज्य सरकार ने एकजुटता से इस मसले पर संघर्ष करने और कोर्ट में केंद्र की अधिसूचना को चुनौती देने का निर्णय लिया है। हमने इस मसले पर वकीलों की टीम के साथ चर्चा की है और सांसदों की राय भी ली है।"

 


कुमारस्वामी ने कहा कि राज्य ने हमेशा संवैधानिक फैसलों का पालन किया है। हम सुप्रीम कोर्ट और उसके निर्देशों का सम्मान करते हैं, लेकिन दो-तीन मसले हैं जिन्हें काफी अवैज्ञानिक तरीके से सुलझाने की कोशिश की गई है और हम इसके खिलाफ लड़ेंगे।

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