अल्लाह और ओम की तुलना वाले मौलाना मदनी के बयान पर मचा जबर्दस्त बवाल, जैन मुनि समेत अन्य धर्मगुरूओं ने जताई आपत्ति, छोड़ा मंच 

मौलाना मदनी के विवादित बोल अल्लाह और ओम की तुलना वाले मौलाना मदनी के बयान पर मचा जबर्दस्त बवाल, जैन मुनि समेत अन्य धर्मगुरूओं ने जताई आपत्ति, छोड़ा मंच 

Anchal Shridhar
Update: 2023-02-12 08:51 GMT
अल्लाह और ओम की तुलना वाले मौलाना मदनी के बयान पर मचा जबर्दस्त बवाल, जैन मुनि समेत अन्य धर्मगुरूओं ने जताई आपत्ति, छोड़ा मंच 
हाईलाइट
  • 'आदम ही मनु '

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन में उस समय विवाद पैदा हो गया, जब मौलाना अरशद मदनी ने मोहन भागवत की आलोचना करते हुए अल्लाह और ओम को एक बता दिया। मदनी के ऐसा बोलने पर मंच पर मौजूद जैन समेत अन्य धर्म के गुरूओं ने आपत्ति जताते हुए मंच छोड़ दिया। 

अधिवेशन में मौलाना मदनी ने कहा कि मुसलमानों पर दिया आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान पूरी तरह से गलत था। अल्लाह और ओम एक हैं। उन्होंने कहा कि भागवत का दिया बयान, 'हम सबसे पहले इसी देश में पैदा हुए और इसलिए घर वापसी और सभी मुसलमान हिंदू हैं'  जाहिल जैसा है। 

भड़के धर्मगुरूओं ने छोड़ा मंच

मदनी के इस बयान के बाद मंच पर मौजूद जैन मुनि गुरू लोकेश ने खड़े होकर अपना विरोध जताया। साथ ही कहा कि यह कार्यक्रम सभी धर्मों के लोगों को आपस में जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था, फिर इसमें ऐसा आपत्तिजनक बयान क्यों? मदनी के बयान के बाद जैन गुरू लोकेश मुनि ने कहा, 'आप ने जो कहा मैं उससे सहमत नहीं हूं। और न ही यहां मौजूद सारे धर्म के संत इससे सहमत हैं। ये जो कहानी ओम, अल्लाह, मनु, उसकी औलाद...ये सभी फालतू की बातें हैं। आपने सारा पलीता लगा दिया एकता की संभावना के सम्मेलन में।' इसके बाद वह अन्य धर्मगुरुओं के साथ मंच छोड़कर चले गए। 

क्या बोले मदनी ने?

अधिवेशन के आखिरी दिन मौलाना मदनी ने कहा कि, 'मैंने पूछा कि जब कोई नहीं था। न श्रीराम थे, न ब्रह्मा थे और न शिव थे; जब कोई नहीं था तो मनु पूजते किसको थे। कोई कहता है कि शिव को पूजते थे। बहुत कम लोग ये बताते हैं कि मनु ओम को पूजते थे। ओम कौन है? बहुत से लोगों ने कहा कि उसका कोई रूप-रंग नहीं है। वो दुनिया में हर जगह हैं। अरे बाबा इन्हीं को तो हम अल्लाह कहते हैं। इन्हें आप ईश्वर कहते हैं।'
उन्होंने कहा, 'हजरत आदम जो नबी थे, सबसे पहले उन्हें भारत की धरती के भीतर उतारा। अगर चाहता तो आदम को अफ्रीका, अरब, रूस में उतार देता। वो भी जानते हैं, हम भी जानते हैं कि आदम को दुनिया में उतारने के लिए भारत की धरती को चुना गया।' 

'आदम ही मनु है'

मैंने बड़े-बड़े धर्मगुरुओं से पूछा कि अल्लाह ने जिस पहले आदमी को धरती पर उतारा वो किसकी पूजा करता था। दुनिया के अंदर अकेला आदम था, उसे कहते क्या हो। लोग अलग-अलग बातें कहते थे। धर्मगुरुओं ने कहा कि हम उसे मनु कहते हैं, हम आदम कहते हैं, अंग्रेजी बोलने वाले एडम कहते हैं। हम आदम की औलाद को आदमी और ये मनु की औलाद को मनुष्य कहते हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने अधिवेशन में कहा था कि बीजेपी और आरएसएस से उनकी कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन मजहब के आधार पर दोनों समुदाओं के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। हम इन मतभेदों को खत्म करने के लिए मोहन भागवत व बीजेपी नेताओं का स्वागत करते हैं।

महमूद मदनी ने अपने संबोधन में कहा था कि मोहम्मद पैगंबर के खिलाफ किसी भी तरह की कोई बयानबाजी हमें मंजूर नहीं है। मुसलमान अपने पैगंबर के विरूद्ध कुछ भी गलत नहीं सुन सकता। उन्होंने कहा था कि आज शिक्षा का भगवाकरण किया जा रहा है, जिसके अनुसार किसी भी धर्म की पुस्तकें दूसरों पर थोपी जा रही हैं। यह हमें (मुसलमानों) को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं है। साथ ही यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ भी है। बता दें कि मौलाना अरशद मदनी जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख महमूद मदनी के चाचा हैं। 

Tags:    

Similar News