मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्राइवेट फर्म का एमडी गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्राइवेट फर्म का एमडी गिरफ्तार
- सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने 402 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सर्वोमैक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसआईपीएल) के प्रमोटर और एमडी अवसारला वेंकटेश्वर राव को गिरफ्तार किया है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राव पर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल होने और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एक संघ को लगभग 402 करोड़ रुपये का नुकसान करने का आरोप लगाया गया है।
इससे पहले उनके खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईपीसी की धारा 120-बीए 406, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया था। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। ईडी की जांच से पता चला है कि एसआईपीएल ने बैंकों के एक संघ से ऋण लिया था और अवसारला वेंकटेश्वर राव प्रमोटर सह प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्ति थे जो पूरे व्यवसाय संचालन के लिए जिम्मेदार थे। लेकिन राव धोखाधड़ी में शामिल थे और ऋण की राशि जानबूझकर नहीं चुकाई गई थी।
ईडी अधिकारी ने कहा, एसआईपीएल ने विभिन्न संबंधित संस्थाओं को ऋण जारी किया था और संबंधित संस्थाओं को माल की वास्तविक खरीद के बिना एलसी जारी किया था, जिससे बैंकों को 267 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। ईडी की जांच ने स्थापित किया कि अवसारला वेंकटेश्वर राव लगातार बेनामी लेनदेन में लिप्त थे और उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के लिए ऋण राशि को डायवर्ट किया था।
राव ने 50 से अधिक संस्थाओं के वेब का उपयोग अपराध की आय को छिपाने के लिए किया है। वह जांच के दौरान सहयोग नहीं किया। वह किसी न किसी बहाने अपनी खुद की व्यावसायिक संस्थाओं के दस्तावेज पेश करने में आना-कानी करते रहे।
(आईएएनएस)