पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के लिए वित्त मंत्री ने यूपीए सरकार को बताया जिम्मेदार, जानिए क्या कहा?

दाम कम नहीं होंगे पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के लिए वित्त मंत्री ने यूपीए सरकार को बताया जिम्मेदार, जानिए क्या कहा?

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-16 18:40 GMT
पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के लिए वित्त मंत्री ने यूपीए सरकार को बताया जिम्मेदार, जानिए क्या कहा?
हाईलाइट
  • ऑयल बांड्स की देनदारी पड़ रही भारी
  • कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ बोलीं सीतारमण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में ईंधन की ऊंची कीमतों को लेकर केंद्र सरकार को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को ईंधन पर लगाए जाने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती करने में असमर्थता जाहिर की और इसके लिए सीधी तौर पर यूपीए सरकार को जिम्मेदार बताया। वित्त मंत्री ने कहा, "यूपीए ने ईंधन की कीमतें कम रखने का श्रेय लिया, लेकिन आज सरकार यूपीए की चालबाजी का भुगतान कर रही है। यूपीए ने 2012 में 1.44 लाख करोड़ रुपये के ऑइल बॉन्ड जारी किए थे, जिसके कारण मैं कोई राहत नहीं दे सकती।"

मंत्रालय की ब्रीफिंग के दौरान, निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014-15 में, केंद्र ने ऑइल बॉन्ड पर ब्याज भुगतान के रूप में 10,255 करोड़ रुपये का भुगतान किया। तब से केंद्र हर साल 9989.96 करोड़ रुपये का ब्याज भुगतान कर रहा है। मंत्री ने कहा कि 2021-22 और 2025-26 तक दिया जाने वाला कुल ब्याज 37,340 करोड़ है और इस अवधि में टोटल रीपेमेंट ड्यू 1.3 लाख करोड़ है। निर्मला सीतारमण ने कहा: "यूपीए ने एक छलावा किया और अब इसके लिए ब्याजा का भुगतान करना पड़ रहा है। इन वर्षों के दौरान कुल ब्याज भुगतान 70,195 करोड़ रुपये रहा है।

देश में ढाई दर्जन से ज्यादा राज्यों की राजधानियों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर हैं। लेकिन दबाव के बावजूद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार झुकने को तैयार नहीं है। वर्तमान में, ईंधन पर केंद्र और राज्यों के टैक्स 60 प्रतिशत तक दाम बढ़ाने में जिम्मेदार है। केंद्र ने 2020-21 में कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी से लगभग 3.72 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए थे। राज्य सरकारें भी इसमें पीछे नहीं है। राज्य सरकारों ने वैट और सेल्स टैक्स से 2.03 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए।

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