हवा की गुणवत्ता 5वें दिन भी 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज, जानिए राज्य सरकार ने किन चीजों पर लगाई पाबंदियां 

दिल्ली में कोई सुधार नहीं हवा की गुणवत्ता 5वें दिन भी 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज, जानिए राज्य सरकार ने किन चीजों पर लगाई पाबंदियां 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-18 05:49 GMT
हाईलाइट
  • किसानों से पराली के मुद्दे पर हो
  • लेकिन जुर्माना न लगाएं- सुप्रीम कोर्ट

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा। लगातार 5वें दिन गुरुवार को हवा की गुणवत्ता "बेहद खराब" श्रेणी में दर्ज की गई। आज AQI का स्तर 362 रहा। हालांकि, बुधवार को AQI 372 था, जिसका मतलब है कि, 17 पाइंट नीचे गिरने पर सुधार तो हुआ है। लेकिन, स्थिति अब भी बेहद खराब है। सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण को लेकर कल भी सुनवाई हुई, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य दोनों को फटकार लगाई और कहा कि, किसानों से पराली के मुद्दे पर बात कर लें। लेकिन, उन पर जुर्माना न लगाया जाए। क्योंकि हम इस पक्ष में नहीं है।

क्या कहा मौसम विभाग ने?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि, रविवार को दिल्ली में तेज हवा चलने की संभावना है, जिससे हवा की क्वालिटी में थोड़ा सुधार हो सकता है। वहीं दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण कम करने के कुछ उपायों का ऐलान किया है। 

  • मंत्री ने कहा कि, सरकारी विभागों का सभी काम 21 नवंबर तक वर्क फ्राम होम के नियमानुसार होगा।
  • कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन का काम 21 नवंबर तक बंद रहेगा।
  • वहीं सभी शिक्षण संस्थान अगले आदेश तक ऑफलाइन सुविधा नहीं देंगे। इन्हें बंद रखा जाएगा। 
  • इसके अलावा केजरीवाल सरकार 1000 सीएनजी संचालित बसों को रेंट पर लेगी ताकि, यातायात की सुविधाओं में कोई बाधा न आएं। 

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के मुद्दे पर बुधवार को सुनवाई की। इस दौरान राज्य और केंद्र सरकार पराली जलाने को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे थे। इस पर मुख्य न्यायधीश एनवी रमना ने कहा कि, अगर आप पराली जलाने को लेकर किसानों से बात करना चाहते है तो, जरुर करिए। लेकिन, हम किसानों पर इस बात के लिए जुर्माना नहीं लगाने के पक्ष में है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "आप 5 स्टार होटल में बैठकर किसानों पर बहुत आसानी से टिप्पणी कर सकते है। लेकिन, क्या आपने कभी ये समझा है कि, उन्हें पराली क्यों जलानी पड़ रही है? सबसे ज्यादा प्रदूषण तो टीवी पर होने वाली बहस से फैल रहा है। वहां एजेंडा है और हम यहां उपाय ढूंढने की कोशिश कर रहे है।" 


 

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