मोदी चाहते हैं GST लॉन्च पर विपक्ष सिर्फ ताली बजाए : आनंद
मोदी चाहते हैं GST लॉन्च पर विपक्ष सिर्फ ताली बजाए : आनंद
एजेंसी, नई दिल्ली। संसद भवन में शुक्रवार रात 12 बजे जीएसटी लॉन्च करने को लेकर भाजपा ने एक अहम कार्यक्रम आयोजित किया है, जिसका कांग्रेस पार्टी ने बहिष्कार किया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह कार्यक्रम नहीं बल्कि जश्न है। हम इसमें शामिल नहीं होंगे। राहुल बोले, 'हमने कभी जीएसटी का तमाशा नहीं बनाया है।' कांग्रेस के सीनियर नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'पीएम मोदी चाहते हैं कि जीएसटी लॉन्च पर विपक्ष सिर्फ ताली बजाए और पूरा श्रेय वो खुद ले जाएं। हमारे विरोध को बीजेपी सरकार ने बहिष्कार का नाम दिया, जो कि सरासर गलत है।'
राहुल गांधी ने कहा है, 'जीएसटी में बहुत संभावनाएं हैं, लेकिन अपना प्रचार करने के लिए इसे आधे-अधूरे स्वरूप में जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है। भारत में ऐसे जीएसटी को लाने की जरूरत है, जो करोड़ों नागरिकों, छोटे व्यवसायियों और कारोबारियों को इतनी चिंता में नहीं डाले, जितना कि वो आज हैं। राहुल ने कहा कि नोटबंदी की तरह ही जीएसटी को एक अक्षम और असंवेदनशील सरकार द्वारा संस्थागत तैयारी के बगैर लागू किया जा रहा है।
सीनियर कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'जीएसटी कोई छोटी-मोटी बात नहीं है। 'मोदी की पहली कोशिश जीएसटी रिफॉर्म का पूरा श्रेय अकेले लेने की है। हमारे विरोध को बहिष्कार कहना गलत है, हमनें कभी भी जीएसटी का विरोध नहीं किया और ना ही इसे तमाशा कहा। हमारी सरकार ही इसे लाई थी, तब सिर्फ एक मुख्यमंत्री ने विरोध किया था वो नरेंद्र मोदी थे। अगर हम भी ऐसा ही करते तो आज जीएसटी लागू ही नहीं होता।'
कांग्रेस की सूझबूझ का ही परिणाम जीएसटी
शर्मा ने कहा, सरकार को इस मामले में मीटिंग के बाद कुछ देर के लिए विपक्ष की मांगों पर भी गौर करना चाहिए। जल्दबाजी में लिया हुआ फैसला कभी-कभी बहुत भारी पड़ जाता है। जीएसटी एक बड़ा फैसला है और इसे जल्दबाजी में लागू करने से कई समस्याएं उत्पन्न भी होंगी, जैंसा की पिछले कुछ समय में देखा भी गया है। हमारी पार्टी ने फैसला किया है कि हम इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। 'कांग्रेस ने भी अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक काम किए हैं, लेकिन क्या हमनें कभी केंद्रीय कक्ष में ऐसा कार्यक्रम किया है। विपक्ष ताली बजाने के लिए नहीं बैठा है। पीएम मोदी को बताना चाहिए कि उन्होंने 7 साल तक GST का विरोध क्यों किया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह की सूझबूझ के कारण ही GST लागू हो रहा है।'
आधी रात का सत्र तमाशा
आनंद शर्मा ने कहा। "1971 में पाकिस्तान की सेना ने आत्मसमर्पण कर लिया था, भारत ने शानदार जीत हासिल की थी और बांग्लादेश को आजादी मिली थी। उस समय इंदिरा गांधी ने आधी रात को संसद सत्र नहीं बुलाया था।" परमाणु प्रयोग हुआ, भारत ने अंतरिक्ष में अपनी छाप छोड़ी, आर्थिक सुधार हुआ, कई प्रमुख चीजें हुईं लेकिन इससे पहले मीटिंग करके यह नहीं सोचा गया कि अब यह क्यों करें,"
'जीएसटी' परिकल्पना पूर्व पीएम बाजपेयी की : भाजपा
सूचना प्रसारण, शहरी विकास और आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री नायडू ने दावा किया कि कांग्रेस इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही है कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं, और इसीलिए वह संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम का विरोध कर रही है। कांग्रेस और उसके कुछ मित्रों ने राजनीतिक कारणों से यह फैसला किया है। वे ही इसका कारण बता सकते हैं। जीएसटी की परिकल्पना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने की थी। इसके बाद आने वाली सभी सरकारों ने जीएसटी को हकीकत में बदलने में अपना अहम योगदान दिया। इसके चलते ही संसद के दोनों सदनों ने इसे पारित किया। लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब विपक्ष जीएसटी कार्यक्रम का विरोध कर रहा है। जबकि हकीकत यह है कि विपक्ष समेत देश के किसी राजनीतिक दल को जीएसटी के किसी प्रावधान से कोई दिक्कत नहीं है।
शरद पवार ने किया समर्थन
शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने जीएसटी पर विपक्षी खेमे से खुद को आज यह कहते हुए अलग कर लिया कि वह मध्यरात्रि को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होगी। राकांपा नेता तारिक अनवर ने कहा कि उनकी पार्टी ने जीएसटी पारित होते समय उसका समर्थन किया था और संसद के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रम से अलग रहने का कोई मतलब नहीं है। राकांपा प्रमुख शरद पवार इस कार्यक्रम में मौजूद होंगे।
अराजकता पैदा करेगी जीएसटी
मजलिस इोहादुल मुसलमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आज कहा कि जीएसटी लागू होने से उसी तरह की अराजकता फैलेगी जिस तरह नोटबंदी से हुई थी। हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने कहा कि उन्हें पता नहीं कि नई कराधान प्रणाली किस हद तक संगठित रूप से लागू की जा सकेगी। ओवैसी ने पीटीआई-भाषा से कहा, सरकार जल्दबाजी कर रही है। मुझे दिखता है कि इससे अराजकता होगी।।।जब नोटबंदी की गई थी तो उससे अराजकता हुई थी, क्योंकि कोई उचित योजना नहीं बनाई गई थी। इस बार भी, सरकार जल्दबाजी कर रही है और इससे अराजकता होगी।