कोविड 19 से बचाने वाली वैक्सीन को लगवाने में अब कोई डर नहीं, रिसर्च से हुआ खुलासा, वैक्सीन की वजह से दूसरी बीमारियों का कोई खतरा नहीं, इस तरह पूरी हुई रिसर्च

वैक्सीन से जुड़ी गलतफहमियां दूर कोविड 19 से बचाने वाली वैक्सीन को लगवाने में अब कोई डर नहीं, रिसर्च से हुआ खुलासा, वैक्सीन की वजह से दूसरी बीमारियों का कोई खतरा नहीं, इस तरह पूरी हुई रिसर्च

Dablu Kumar
Update: 2023-02-11 12:11 GMT
कोविड 19 से बचाने वाली वैक्सीन को लगवाने में अब कोई डर नहीं, रिसर्च से हुआ खुलासा, वैक्सीन की वजह से दूसरी बीमारियों का कोई खतरा नहीं, इस तरह पूरी हुई रिसर्च
हाईलाइट
  • शोध में कुछ जरूरी बातें आई सामने

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन लगवाने से डर रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। अफवाहें ऐसी थी कि जो व्यक्ति कोरोना वैक्सीन लगवा चुके हैं, उन्हें हार्ट अटैक, फेफड़े से जुड़ी हुई समस्या हो रही है। लेकिन बोलोग्ना यूनिवर्सिटी के अध्ययन ने इन सभी अफवाहों पर विराम लगा दिया है। शोध में पाया गया कि कोविड वैक्सीन लगवाने से किसी भी तरह के बीमारियों का खतरा नहीं हैं। अध्ययन में पाया गया कि कोविड-19 टीकों से दिल का दौरा पड़ना, स्ट्रोक, मायोकार्डिटिस (दिल की मांसपेशिया में सूजन की समस्या),पेरिकार्डिटिस के अलावा डीप वेन थ्रॉम्बोसिस जैसी बीमारियों का कोई खतरा नहीं है। ऐसे में इन सभी अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। इस शोध के बाद अब ये साफ हो चुका है कि वैक्सीन को लगाने से डरने की कोई जरूरत नहीं है। इसके अलावा भी शोध में कुछ जरूरी बातें सामने आई हैं।

पेरिकार्डिटिस जिसे पेरिकार्डियम भी कहा जाता है। हमारे दिल के बाहरी भाग में 2 परतों वाली एक द्रव से भरी थैली होती है। जिसे पेरिकार्डियम कहा जाता है। यह हमारे हृदय को आराम देने के अलावा संक्रमण से भी दूर रखता है। सीने में दर्द होने की बड़ी वजह इन परतों में सूजन का होना होता है। इसके अलावा जब हमारे शरीर के किसी एक नस के भीतर रक्त का थक्का बन जाता है, तब हमारे शरीर में 'डीप वेन थ्रॉम्बोसिस' जैसी स्थिति पैदा होती है।

अध्ययन में पता चली ये बातें

जर्नल वैक्सीन्स में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, जनवरी 2021 से जुलाई 2022 तक इटली के पेस्कारा प्रांत की पूरी आबादी की निगरानी की गई। इसके लिए बोलोग्ना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। जिन्होंने इन क्षेत्रों के निवासियों के स्वास्थ्य के आंकड़े एकत्र किए। जिसमें टीम ने हृदय रोग, पल्मोनरी एम्बोलिज्म व थ्रॉम्बोसिस जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों का विश्लेषण किया। 

पल्मोनरी एम्बोलिज्म की स्थिति में व्यक्ति के फेफड़े में रक्त का थक्का जमा हो जाता है। यह स्थिति तब पैदा होती जब शरीर के अन्य हिस्से में रक्त का थक्का जमा होता है और यह हाथ या पैर से रक्तप्रवाह होकर फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं में जमा हो जाता है। बोलोग्ना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लैंबर्टो मंजोली ने बताया कि, अध्ययन के रिजल्ट से स्पष्ट है कि टीका लगवाने वालों को गंभीर बीमारियों का कोई खतरा नहीं था। उन्होंने कहा कि, अध्ययन से पता चला है कि कोविड-19 से संक्रमित होने वाले जिन लोगों ने टीका लगवाया था, वे उन लोगों के तुलना में अधिक सुरिक्षत थे जिन्होंने टीका नहीं लगवाया था।   

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