प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट पर सुको फैसला, ईडी अधिकारों को रखा बरकरार

नई दिल्ली प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट पर सुको फैसला, ईडी अधिकारों को रखा बरकरार

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-27 04:45 GMT
प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट पर सुको फैसला, ईडी अधिकारों को रखा बरकरार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुको ने पीएमएलए के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को किया खारिज, सुको ने कहा ईडी के सामने दिए बयान अहम, सबूत के तौर भी देखा जाएं।

शीर्ष अदालत ने ईडी के अधिकारों को रखा बरकरार

आज देश के सबसे बड़े न्यायालय सुप्रीम कोर्ट  में प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की वैधता पर सुनवाई होनी है। शीर्ष कोर्ट मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम में प्रावधान नियमों और   ईडी के अधिकारों की सीमा तय करेगा। सुको में होने वाली इस सुनवाई को  काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि इससे ईडी के अधिकार भी फिक्स हो जाएंगे। 

जिनमें ईडी की शक्तियां, गिरफ्तारी के अधिकार, गवाहों को समन व संपत्ति जब्त करने के तरीके और जमानत प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट आज फैसला दे सकता है। आपको बता दें मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट से जुड़े कई प्रावधानों को लेकर उच्चतम न्यायालय में सैकड़ों याचिकाएं लगी हैं। जिन पर  जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी, पीठ में जस्टिस सीटी रविकुमार व जस्टिस  दिनेश माहेश्वरी भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम, एनसीपी नेता अनिल देशमुख जैसे लोगों की ओर से लगाई गई है। मामले की सुनवाई  के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी अपना पक्ष रखेंगे। 

लोकसभा सदन में केंद्र सरकार की तरफ से एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 17 साल पहले लागू किया गया था, तब से लेकर अब तक इस कानून के अंतर्गत करीब 5422 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, लेकिन 17 साल में मात्र 23 लोगों को ही दोषी ठहराया गया है।  31 मार्च तक ईडी ने एक लाख करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच की है और 992 मामलों में चार्जशीट दायर की है, ये चिंता का विषय है।

 

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