डीएमआरसी की समीक्षा याचिका खारिज, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की याचिका पर 6 दिसंबर को होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट डीएमआरसी की समीक्षा याचिका खारिज, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की याचिका पर 6 दिसंबर को होगी सुनवाई

IANS News
Update: 2021-12-02 17:30 GMT
डीएमआरसी की समीक्षा याचिका खारिज, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की याचिका पर 6 दिसंबर को होगी सुनवाई
हाईलाइट
  • रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने दिल्ली हाईकोर्ट में निष्पादन की अर्जी दाखिल की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा शीर्ष अदालत के एक आदेश के खिलाफ दायर समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है, जिसने 23 नवंबर 2021 को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्च र की शाखा दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उसे 7,100 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा था। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने दिल्ली हाईकोर्ट में निष्पादन की अर्जी दाखिल की है, जिस पर सोमवार (6 दिसंबर) को सुनवाई होनी है।

सूत्रों के मुताबिक, डीएमआरसी द्वारा रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्च र को मध्यस्थता के पैसे के भुगतान में हर एक दिन की देरी के कारण डीएमआरसी पर प्रतिदिन लगभग 2 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ब्याज बोझ पड़ रहा है। इस मामले में शीर्ष अदालत द्वारा 9 सितंबर को आदेश सुनाए जाने के बाद से डीएमआरसी की ब्याज देनदारी पहले ही लगभग 200 करोड़ रुपये बढ़ चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को अपने आदेश में दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 7,100 करोड़ रुपये के भुगतान के आदेश को बरकरार रखा था, जो एक रिलायंस इंफ्रा शाखा है, जो दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो लाइन का संचालन करती है।

न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की एक पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें डीएएमईपीएल के पक्ष में मध्यस्थ निर्णय को रद्द कर दिया गया था, जिसने सुरक्षा मुद्दों पर एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो लाइन चलाने से हाथ खींच लिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को डीएमआरसी से 7,100 करोड़ रुपये मिलेंगे।

बता दें कि डीएमआरसी ने डीएएमईपीएल से एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के निर्माण और परिचालन के लिए समझौता किया था, लेकिन कारिडोर बनकर तैयार होने और परिचालन शुरू होने के कुछ ही समय बाद कॉरिडोर में तकनीकी खराबी की बात सामने आई थी। तकनीकी खामी व कॉरिडोर की मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या अनुमान से कम होने के कारण विवाद बढ़ने पर डीएमआरसी ने एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर परिचालन की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली थी। इसके बाद डीएएमईपीएल ने मध्यस्थ न्यायाधिकरण में अपील दायर कर डीएमआरसी से नुकसान की भरपाई करने की मांग की थी। मध्यस्थ न्यायाधिकरण ने डीएएमईपीएल के पक्ष में फैसला दिया। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।

(आईएएनएस)

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