भारत में लगेगी दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी, बूस्टर डोज के तौर पर होगा उपयोग, अन्य वैक्सीनों से कई मामलों में है फायदेमंद

कोरोना अलर्ट भारत में लगेगी दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी, बूस्टर डोज के तौर पर होगा उपयोग, अन्य वैक्सीनों से कई मामलों में है फायदेमंद

Anchal Shridhar
Update: 2022-12-23 06:56 GMT
हाईलाइट
  • यह कोविड के संक्रमण और फैलाव को रोक देती है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन को भारत सरकार ने इसकी आधिकारिक मंजूरी दे दी है। इस वैक्सीन का निर्माण कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक ने किया है। न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक इस वैक्सीन को कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल कर लिया गया है। साथ ही इसका प्रयोग बूस्टर डोज के तौर पर किया जा सकेगा। नाक से दी जाने वाली इस वैक्सीन को सबसे पहले निजी अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा। मतलब इसको लगवाने के लिए लोगों को पैसे देने होंगे। 

वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन का नाम iNCOVACC रखा है। नाक जरिए शरीर में पहुंचने वाली इस वैक्सीन की मुख्य खासियत यह है कि, शरीर में प्रवेश करते ही यह कोविड के संक्रमण और फैलाव को रोक देती है। इससे सांस से संक्रमण फैलने का खतरा कम हो जाएगा।

वैक्सीन के अन्य फायदे

  • इसके प्रयोग से कोरोना को नाक में खत्म किया जा सकेगा, जिससे फेंफड़े संक्रमित नहीं होंगे। 
  • इसको लगाने के लिए हेल्थकेयर वर्कर्स को किसी खास ट्रेनिंग की जरूरत भी नहीं होगी क्योंकि यह नेजल स्प्रे के जैसे नाक में बूंदें डालकर दी जा सकेगी। 
  • बच्चों को देने में आसानी होगी। 
  • इंजेक्शन का प्रयोग न होने की वजह से लोगों को चोट लगने का खतरा भी कम होगा।
  • इसका उत्पादन और भंडारण आसान होगा, जिस कारण से वेस्टेज की समस्या नहीं होगी। 

कैसे करती है काम?

सबसे पहले बात करते हैं कि ये नेजल वैक्सीन होती क्या है? तो आपको बता दें कि अभी तक जिस कोरोना वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है उसे इंट्रामस्कुलर वैक्सीन कहा जाता है। इसे मांसपेशियों में इंजेक्शन के माध्यम से लगाया जाता है। जबकि नोजल वैक्सीन को नाक के जरिए शरीर में प्रवेश कराया जाता है। इसे इंट्रानेजल वैक्सीन कहा जाता है। इसे न ही इंजेक्शन के जरिए और न ही ओरली यानी मुंह से दिया जाता है। यह एक नेजल स्प्रे की तरह होती है। इसे एक पंप के जरिए नाक में डाला जाता है। एक डोज में इसकी कुछ ही बूंदे ही देने की आवाश्यकता होती है। 

अब बात करते हैं कि ये शरीर में यह कैसे काम करती है? दरअसल, कोरोना वायरस हमारे शरीर के अंदर माइक्रोब्स और म्युकोसा के माध्यम से प्रवेश करते हैं। नेजल वैक्सीन इन्हीं में इम्युन रिस्पांस उत्पन्न करती है। यह वैक्सीन हमारे शरीर में जाकर इम्युनोग्लोबुलिन A का उत्पादन करती है जोकि संक्रमण को शुरूआती स्टेज में ही रोकने का काम करती है। 
 

Tags:    

Similar News