तिहाड़ ने निर्भया के हत्यारों को दिया राष्ट्रपति से गुहार लगाने का आखिरी मौका

तिहाड़ ने निर्भया के हत्यारों को दिया राष्ट्रपति से गुहार लगाने का आखिरी मौका

IANS News
Update: 2019-12-18 17:30 GMT
तिहाड़ ने निर्भया के हत्यारों को दिया राष्ट्रपति से गुहार लगाने का आखिरी मौका

नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। तिहाड़ जेल प्रशासन ने अलग-अलग जेलों में कैद रखे गए निर्भया के चारों मुजरिमों को बुधवार रात एक बार फिर से अंतिम नोटिस थमा दिया। नोटिस में कहा गया है कि वे अगर चाहें तो अपनी मौत की सजा से बचने के लिए एक सप्ताह के भीतर राष्ट्रपति के यहां माफी की दरख्वास्त दे सकते हैं।

दिल्ली के जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने आईएएनएस से इसकी पुष्टि की है। तिहाड़ जेल के संबंधित जेलरों द्वारा बुधवार देर रात जिन मुजरिमों को ये नोटिस थमाए गए, उनका नाम मुकेश, अक्षय कुमार सिंह, पवन कुमार गुप्ता और विनय है। पवन गुप्ता काफी समय से दिल्ली की मंडोली जेल में बंद था।

पवन गुप्ता को चंद दिन पहले ही मंडोली जेल से तिहाड़ जेल में लाकर कैद किया गया है। जबकि अक्षय कुमार सिंह, मुकेश और विनय पहले से ही तिहाड़ की अलग-अलग जेलों में बंद हैं।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को ही दिन के वक्त अदालत ने तिहाड़ जेल प्रशासन को आदेश दिया था कि वह चारों मुजरिमों को दोबारा सात दिन की समयावधि वाला नोटिस दे, ताकि उन्हें एक बार फिर से राष्ट्रपति के यहां दया-याचिका दायर करने का मौका मिल सके।

चारों मुजरिमों को नोटिस देने की तैयारियों के चलते तिहाड़ जेल महानिदेशालय भी देर रात तक खुला रहा। तिहाड़ की जिन-जिन जेलों में सजा-ए-मौत पाये निर्भया के हत्यारे बंद हैं, उन सभी संबंधित जेलों के जेलर भी देर रात तक रोककर रखे गए थे।

नोटिस तैयार होते ही संबंधित मुजरिमों वाली जेलों के जेलरों ने नियमानुसार उन चारों को नोटिस प्राप्त करा दिए। बुधवार देर रात करीब नौ बजे दिल्ली जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने आईएएनएस से कहा, अदालत द्वारा मिले आदेश के प्रति-उत्तर में अब से कुछ देर पहले चारों संबंधित मुजरिमों को नोटिस दे दिए गए हैं। नोटिस के जरिए चारों से कहा गया है कि वे सात दिन के अंदर राष्ट्रपति के यहां दया-याचिका लगाना चाहें तो लगा सकते हैं।

अब से पहले 29 अक्टूबर, 2019 को भी तिहाड़ जेल प्रशासन ने सभी आरोपियों को इसी तरह के नोटिस दिए थे। उन नोटिसों में भी उस वक्त एक सप्ताह के भीतर राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दाखिल करने को कहा गया था। उन नोटिसों के जबाब में, मुजरिम मुकेश ने दया-याचिका दायर ही नहीं की थी। मुजरिम विनय ने पहले दया-याचिका राष्ट्रपति को भेजी थी। बाद में उसने अपनी दया-याचिका वापस ले ली।

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