आज है भाई दूज का पर्व, भाई-बहन के आत्मीय रिश्ते को दर्शाता पर्व  

शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि आज है भाई दूज का पर्व, भाई-बहन के आत्मीय रिश्ते को दर्शाता पर्व  

ANAND VANI
Update: 2021-11-06 04:03 GMT
आज है भाई दूज का पर्व, भाई-बहन के आत्मीय रिश्ते को दर्शाता पर्व  
हाईलाइट
  • भाई-बहनों को समर्पित दिन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज देश में भाई दूज बड़े धूम धाम से मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में इसका अपना एक विशेष महत्व है। आज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है इस तिथि का विशेष महत्व है। इसी दिन भाई दूज का पावन पर्व मनाया जाता है। ये दिन भाई-बहनों को समर्पित होता है। भाई-बहन के आत्मीय रिश्ते को दर्शाता एक पर्व है।
पौराणिक कथाओं में भाई दूज
पौराणिक कथा के मुताबिक एक बार भगवान सूर्य के तेज को सहन न कर पाने के कारण उनकी पत्नी संध्या उन्हें छोड़कर मायके चली गई थी। और अपने बच्चों के पास अपनी प्रतिकृति छाया को छोड़ गईं। यमराज और यमुना मां के प्यार से वंचित रहे। युमना की शादी के बाद यमराज बहन के बुलाने पर यम द्वितीया के दिन उनके घर पहुंचे। भाई की आने की खुशी में यमुना ने अपने भाई यमराज का खूब सत्कार किया। यमराज को तिलक लगा कर पूजन किया। तब से हर साल भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। खूब सत्कार किया यमराज को तिलक लगा कर पूजन किया। तब से हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।
आज मनाया जा रहा है भाई दूज
इस साल द्वितिया तिथि 5 नवंबर रात्रि 11 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर, 6 नवंबर शाम 7 बजकर 44 मिनट तक है। इस आधार पर द्वितीया तिथि 6 नवंबर को मानी जाएगी और भाई दूज पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषि के अनुसार इस दिन भाईयों को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दिन में 01:10 से 03:21 बजे तक है।

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