जानिए दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में शुमार यूपीएससी को क्रेक करने का सपना साकार करने वाले अभ्यार्थियों की कहानी

यूपीएससी रिजल्ट जानिए दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में शुमार यूपीएससी को क्रेक करने का सपना साकार करने वाले अभ्यार्थियों की कहानी

Anchal Shridhar
Update: 2022-05-30 17:41 GMT
जानिए दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में शुमार यूपीएससी को क्रेक करने का सपना साकार करने वाले अभ्यार्थियों की कहानी
हाईलाइट
  • मध्यप्रदेश के ऐश्वर्य वर्मा चौथी और उत्कर्ष द्विवेदी ने पांचवी रैंक प्राप्त की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूपीएससी परीक्षा - 2021 का रिजल्ट घोषित हो चुका है। इस परीक्षा में पास होकर देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले प्रतियोगी छात्रों ने अपनी सफलता का परचम लहराया है। उन्ही में से कुछ ऐसे परीक्षार्थी भी है जो दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल इस परीक्षा को पास कर लोगों के लिए मिशाल बन गए हैं। कुछ छात्रों ने अपने बचपन का सपना पूरा किया तो किसी ने न दिखाई देने के बाद भी सफलता प्राप्त की है। 

सच हुआ बचपन का सपना 

आनंद साहिब, पंजाब की रहने वाली गामिनी सिंहला ने यूपीएससी में तीसरा स्थान हासिल किया है। गामिनी ने एक न्यूज वेबसाइट से बात करते हुए बताया कि उनका आईपीएस अधिकारी बनने का सपना बचपन से था। अपनी तैयारी पर बात करते हुए गामिनी ने बताया कि, वह 2020 से ही घर पर ही सेल्फ स्टडी कर रही थीं। अपने परिवार से मिले सहयोग के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने बताया, मेरे परिवार खासकर मेरे पिता ने भावनात्मक रुप से और पढ़ाई में मेरी काफी मद्द की। मेरे पिता मेरे लिए अखबार पढ़ते थे, ताकि मैं अपना समय बचा सकूं। उन्होंने बताया कि मैं मेरे पिता के साथ केवल पढ़ाई से संबंधित ही बातें करते थे। वह जानते थे कि उनके लिए क्या महत्वपूर्ण है। गामिनी ने कंम्प्यूटर से बी-टेक किया है।

दृष्टि बधित होकर भी पाई सफलता

दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-9 के रहने वाले सम्यक जैन हर उस शख्स के लिए रोल मॉडल हैं जो शारीरिक रुप से कमजोर हैं। सम्यक ने दृष्टिबधित होते हुए भी यूपीएससी में 7वां स्थान हासिल किया है। सम्यक अपनी इस सफलता का श्रेय विशेष रुप से अपनी मां को देते हैं। इस बारे में बात करते हुए सम्यक कहते हैं, मैं दृष्टिबधित हूं और मुझे परीक्षा में एक सहायक लेखक की आवश्यकता पड़ी। तब मेरी मां ने सहायक लेखक की भूमिका निभाई। सम्यक् ने अपनी स्नातक व परास्नातक की पढ़ाई डीयू, आईआईएमसी व जेएनयू से की है। 

परिवार से मिले आर्थिक व भावनात्मक सहयोग ने इस मुकाम पर पहुंचाया

बिहार से आने वाले हेमंत कुमार ने यूपीएससी में 327 वीं रैंक लाए। अपनी इस सफलता का श्रेय हेमंत अपने माता-पिता और भाई राहुल को देते हैं। हेमंत के अनुसार अपने परिवार से मिले सहयोग के कारण ही वो आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। हेमंत ने पिछली बार यूपीएससी की परीक्षा में 531 वीं रैंक हासिल की थी और फिलहाल वह फरीदाबाद में मिनिस्ट्री ऑफ वित्त मंत्रालय में अपनी ट्रेनिंग कर रहे हैं। हेमंत की इस सफलता पर उनके परिवार समेत गांव के लोग भी खुश हैं। 

गौरतलब है कि यूपीएससी की परीक्षा में मंध्यप्रदेश के परीक्षार्थिओं ने भी बाजी मारी है। प्रदेश के उज्जैन जिले के रहने वाले ऐश्वय वर्मा ने चौथी और इंदौर के उत्कर्ष द्विवेदी ने 5 वीं रैंक प्राप्त किया है। वहीं बात करें प्रथम स्थान की तो यह मुकाम श्रुति शर्मा ने हासिल किया है।
  
 

  
  
 

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